रंगपंचमी पर मंदिरों में आसमान में रंग व गुलाल उड़ाने की…- भारत संपर्क
रंगपंचमी पर मंदिरों में आसमान में रंग व गुलाल उड़ाने की निभाई जाएगी परम्परा, देवी-देवताओं के होली खेलने धरती पर आने की है मान्यता
कोरबा। होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी मनाई जाती है। इस साल रंग पंचमी 19 मार्च यानी बुधवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार रंग पंचमी भारत में एक ऐसा त्योहार है, जो केवल आनंद मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक परंपराओं से जुडऩे का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। शहर के मंदिरों में भगवान का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाएगा। मंदिरों में सुबह से शाम तक विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिस प्रकार होली के समय लोग एक-दूसरे पर रंग डालकर खुशियां मनाते हैं, उसी प्रकार रंग पंचमी पर यहां भी रंगों और गुलाल को आसमान में उड़ाए जाएंगे। धार्मिक दृष्टिकोण से, ऐसा करने से न केवल वातावरण की शुद्धि होती है, बल्कि देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और इस अद्भुत होली को देखने के लिए सभी देवता पृथ्वी पर पधारे थे। यह पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता भी है कि रंग पंचमी के दिन रंगों से खेलने से शरीर में ऊर्जा संतुलित रहती है। रंग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान कृष्ण,राधा रानी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके बाद उन्हें गुलाल अर्पित करें और उनसे हाथ जोडक़र प्रार्थना करें। इन दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी के मंत्रों का जप भी करना चाहिए। इस दिन घर में पूजा हवन आदि करने से नकारात्कता दूर होती है।
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रंग पंचमी का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 18 मार्च को रात में 10 बजकर 9 मिनट पर पंचमी तिथि का आरंभ होगा और यह तिथि 19 मार्च की रात 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार,19 मार्च को ही रंग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। रंग पंचमी का पर्व विशेष रूप से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश,राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में मनाया जाता है।