बिलासपुर भारतीय जनता पार्टी महापौर प्रत्याशी पूजा विधानी के…- भारत संपर्क

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बिलासपुर भारतीय जनता पार्टी महापौर प्रत्याशी पूजा विधानी के…- भारत संपर्क

भारतीय जनता पार्टी बिलासपुर महापौर प्रत्याशी एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी की दावेदारी खतरे में है। दरअसल उनके पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक ने आपत्ति दर्ज कर दी है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनकी आपत्ति स्वीकार कर ली है और पूजा विधानी को शाम 5:00 बजे तक का वक्त दिया गया है कि वह अपनी जाति प्रमाणित करने के लिए संबंधित दस्तावेज पेश करें ।

इस संबंध में कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव और कांग्रेस महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि नगर पालिका निगम चुनाव 2025 की गाइडलाइन में साफ उल्लेखित है कि पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र केवल छत्तीसगढ़ राज्य का ही मान्य होगा। छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग में आने वाली जातियों को ही केवल पात्रता हासिल है, जबकि भाजपा की प्रत्याशी एल पद्मजा तेलंगाना राज्य की है और जाति से तेलुगू है। उन्हें छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग की पात्रता नहीं है।
दावा किया गया कि उनके पिता एल नारायण राव बिलासपुर रेलवे में ड्राइवर के पद पर कार्यरत थे और वे सामान्य जाति वर्ग से थे। उनके पास पिछड़ा वर्ग का कोई प्रमाण पत्र नहीं था । यहां तक कि पूजा विधानी की सगी बहन नीरजा सिन्हा भी सामान्य वर्ग से है। दावा किया गया कि एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी वास्तव में पिछड़ी जाति से नहीं है । उनके पास छत्तीसगढ़ राज्य के जिला कलेक्टर द्वारा जारी कोई पिछड़ा जाति का वैधानिक प्रमाण पत्र भी नहीं है। प्रमोद नायक ने बताया कि उन्होंने भी एल पद्मजा के पिछड़े वर्ग जाति प्रमाण पत्र की मांग की थी जिसे प्रस्तुत नहीं किया गया। इससे भी उनका संदेह गहरा होता है। यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा ने महापौर प्रत्याशी के तौर पर पूजा विधानी का नाम घोषित किया था लेकिन प्रत्याशी ने जो शपथ पत्र पेश किया है उसमें उनका नाम एल पद्मजा है ,इसकी भिन्नता पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी पिछड़ी जाति से नहीं है। ना ही उनके पिता पिछड़ी जाति से थे और ना ही उनके पति अशोक विधानी ही पिछड़ी जाति से है। उनके प्रमाण पत्र को फर्जी और दीगर राज्य का बताकर उनके नामांकन को रद्द करने की मांग की गई है। सीधे-सीधे आरोप लगाया गया की एल पद्मजा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बिलासपुर में आरक्षित सीट से महापौर का चुनाव लड़ने का प्रयास कर रही है।
उन्हें तेलुगू सामान्य जाति की महिला बताया गया है, जिनका विवाह सिंधी परिवार में हुआ है। उन्हें गैर छत्तीसगढ़िया बताते हुए भी इसे षड्यंत्र करार दिया गया। यह भी मांग की गई है कि अगर उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य के पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है तो ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की गई है।
कुल मिलाकर स्क्रूटनी से पहले भाजपा प्रत्याशी के जाति का मामला उलझ गया है। हालांकि इस मामले में पूजा विधानी ने कहा है कि उनके पास वैध दस्तावेज है ।इधर जिला निर्वाचन आयोग ने उनसे सभी प्रमाण पत्र मांगे हैं जिसके आधार पर फैसला लिया जाएगा। अगर कहीं भाजपा प्रत्याशी के पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र सही नहीं पाए जाते हैं तो फिर उनका नामांकन भी रद्द हो सकता है। ऐसे में भाजपा के लिए दोहरी मुसीबत होगी। क्योंकि उन्होंने मेयर पद के लिए एक भी डमी कैंडिडेट से नामांकन नहीं भरवाया है। ऐसे में उनके पास या तो चुनाव से बाहर होने या फिर किसी निर्दलीयों को बी फार्म देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।


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