6 दिवसीय एक्यूप्रेशर शिविर में किया जा रहा असाध्याय रोगों का…- भारत संपर्क

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6 दिवसीय एक्यूप्रेशर शिविर में किया जा रहा असाध्याय रोगों का…- भारत संपर्क

बिलासपुर के श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रीय समाज द्वारा 6 दिवसीय एक्यूप्रेशर चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में असाध्य रोगों से पीड़ित मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं ।

गैर पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में से एक एक्यूप्रेशर से लाइलाज रोगों के इलाज का दावा किया जाता है। श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रीय समाज द्वारा सरकंडा कपिल नगर स्थित समाज भवन में 6 दिवसीय एक्यूप्रेशर शिविर का आयोजन किया जा रहा है , जहां एक्यूप्रेशर रिसर्च ट्रेंनिंग एंड ट्रीटमेंट संस्थान जोधपुर राजस्थान के विशेषज्ञ द्वारा वाइब्रेशन सुजोक और अन्य पद्धतियों से मरीजों के विभिन्न रोगों का इलाज किया जा रहा है। श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रीय समाज भवन में सर्व समाज के लिए आयोजित इस शिविर में घुटनों के दर्द , मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर , गैस, कब्ज, सर्वाइकल पेन , कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, पुराना सर दर्द, साइटिका ,आंख कान, नाक गले के रोग, वेरीकोज वेन्स, लकवा, मस्सा, बवासीर, मानसिक तनाव, डिप्रेशन हाथ पैर में झनझनाहट आदि का इलाज किया जा रहा है।

यहां बिना दवाई ,एक्यूप्रेशर सुजोक एवं वाइब्रेशन थेरेपी से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। यहां मरीजों को प्रतिदिन 15 से 20 मिनट के लिए बुलाया जाता है। अब तक 200 से अधिक मरीजों ने इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इस पद्धति के विशेषज्ञ डॉक्टर गोवर्धन चौधरी और डॉक्टर भोजराज चौधरी ने बताया कि कई असाध्याय बीमारियों में यह पद्धति कारगर साबित हो रही है। इस पद्धति के अनुसार शरीर में मौजूद खास बिंदुओं पर दबाव डालकर कुछ विशेष उपकरणों की मदद से बिना दवा के ही उपचार किया जाता है। खास बात यह है कि कुछ दिनों के प्रशिक्षण के बाद आम लोग भी इसे सीख कर घर पर ही अपना इलाज कर सकते हैं।

इस शिविर में श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रीय समाज पंचायत, गुजराती महिला मंडल और महिला समिति के सदस्य सहयोग कर रहे हैं। बड़ी संख्या में मरीज जहां अपने असाध्य बीमारियों का इलाज कराने पहुंच रहे हैं, जिन्होंने सकारात्मक परिणाम की बात कही है।

कई बार जिन असाध्याय बीमारियों का इलाज एलोपैथी में भी संभव नहीं हो पता, वह रोग एक्यूप्रेशर से ठीक किए जाने का दावा किया जाता है। खास बात यह है कि इसमें किसी दवा का उपयोग नहीं किया जाता इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। यही कारण है कि अधिक संख्या में बुजुर्ग इस शिविर का लाभ लेने पहुंच रहे हैं। यह शिविर आगामी 13 फरवरी तक आयोजित है।


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