तिलक नगर में भागवत कथा का आज अंतिम दिन सहस्त्रधारा के साथ…- भारत संपर्क



बिलासपुर। तिलक नगर चांटापारा में यादव समाज के द्वारा भागवत कथा आयोजन किया जा रहा है। आज भागवत कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र पर कथावाचक पंडित प्रदीप शुक्ला महाराज ने कहा कि भगवान द्वारकाधीश की लीलाओं का वर्णन किया जिसमें भगवान श्री कृष्णा सर्वश्रेष्ठ पिता थे सर्वश्रेष्ठ पति थे और भगवान ने गृहस्थ धर्म में रहते हुए भी अपने आप को ब्रह्मचारी रखा क्योंकि एक पत्नी वाला ब्रह्मचारी ही माना जाता है। और जब भगवान द्वारकाधीश महल की ओर आते थे सभा में तो 16000 कृष्णा एक में मिल जाते थे । भगवान का एक मित्र था जिनका नाम था सुदामा होता है सुंदर डैम यानी होती है रस्सी जो अपनी भक्ति रूपी रस्सी से भगवान को बंद ले वह सुदामा है। महाराज जी ने कहा सुदामा जी गरीब थे लेकिन दरिद्र नहीं थे क्योंकि गरीब और दरिद्र में बहुत अंतर होता है । सुदामा जी ने अपने जीवन में कभी भी नहीं मांगी । भगवान का नाम लेते थे जो मिल जाता था उसी में जीवन चलाया करते थे ,लेकिन जिंदगी भर किसी से भीख नहीं मांगी । आई एम ही पर मुलभा उत्तम श्लोक दर्शनाम जब सुशील ने कहा स्वामी आप द्वारकाधीश के पास मिलने के लिए जाइए तो सुदामा के पास एक दाना अन्य नहीं था इन्होंने सुशीला से कहा भगवान के पास जाने के लिए पतराम पुष्पम फलम कम से कम एक फूल ही ले जाना चाहिए सुशीला मेरे पास वह भी नहीं है सुशीला बोली अगर एक घर से मैं चावल मांग के लाती हूं तो द्वारकाधीश हमारीगरीबों को तभी समझेंगे जब चावल अलग-अलग होंगे इसलिए चार घरों से कर मुट्ठी चावल मांग के लाई और सुदामा जी निकल पड़े 100 किलोमीटर रास्ता तय किया सुदामा जी ने और पोरबंदर से द्वारिका आए अद्भुत प्रसंग का वर्णन किया महाराज जी ने जिसे सुनकर के लोग भाव विभोर हो गए एवं संगीत में से ऐसा भजन गाया महाराज जी ने की सब अलादीन हो गए। भागवत केवल 7 दिन की होती है और कल आठवां रोज है तो गीता महाराज जी ने गीता के बारे में बताया मुर्दे में भी जान डाल देती है गीत गीता वह है जो भगवान ने कहा है और भागवत वह है जो भगवान ने किया है महाराज जी ने गीता का विशेष व्याख्यान किया । सबसे पहले गीता होगी उसके बाद गीता का उपदेश करेंगे एक का 1000 विष्णु सहस्त्रनाम से गीता में तुलसी वर्षा होगी यज्ञ हवन होगा देवताओं के नाम से आहुतियां दी जाएगी । यह सब करते हुए सहस्त्र धारा गंगा स्नान होगा। आज कथा वाचक पंडित प्रदीप शुक्ला वृंदावन वाले मुकाम तखतपुर वाले ने भागवत को लेकर कहा कि जीवन में सभी को भागवत कथा सुनाई चाहिए। क्योंकि जीवन का आनंद भागवत ही है क्योंकि एक चींटी भी एक चींटी भी सुख चाहती है और भागवत हमें सुख ही नहीं हमारे संपूर्ण जीवन को आनंद से भर देता है इसलिए भागवत सुनी जाती है। अकाल मृत्यु अगर किसी की मृत्यु हो गई हो तो उसकी मुक्ति के लिए भागवत सुनी जाती है एवं भागवत साक्षात भगवान का वांग्माई मूर्ति है और भागवत सुनने से जीव को भगवान का ही रूप मिल जाता है श्रीमद भगवत भक्ति ज्ञान यज्ञ तिलक नगर में चल रहा है तिलक नगर में जिसमें महाराज जी ने कहा महाराज जी नामक पंडित प्रदीप शुक्ला का वृंदावन हाल मुकाम तखतपुर वाले ने कहा है कि सुख व्यक्ति के लिए क्षणिक होता है लेकिन जब व्यक्ति भागवत भगवान से जुड़ जाता है तो व्यक्ति आनंद को प्राप्त करता है और आनंद को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति भगवान का भक्त हो जाता है । क्योंकि राधा शब्द यह भगवान का आह्लाद है श्री कृष्ण राधा दो नहीं है यह एक ही है राधा रानी मिश्री तो स्वाद है बिहारी जब भगवान कृष्ण भारत भूमि में आए तो वृंदावन में एक बार ही एक बार ही रस हुआ था लेकिन भगवान श्री कृष्ण का लोक है गोलोकधाम जहां नित्य रस होता है। महाराज प्रदीप शुक्ला ने कहा कृष्ण लीला में की राधा रानी के शरीर से गोपियों की उत्पत्ति हुई है । और भगवान श्री कृष्ण के शरीर से गोपन की उत्पत्ति हुई है यह भारत देश में जो वृंदावन धाम है यह साधारण नहीं है क्योंकि गोलोक में रहने वाली यमुना महारानी वृंदावन में आ गई है और यश देने वाली यशोदा जो यश दे दूसरों को उनका नाम यशोदा है नंद बाबा यानी जो आनंद देव आनंद बाबा है जो भगवान श्री कृष्ण के मैया और बाबा थे। तिलक नगर शिव हनुमान मंदिर निवासी रवि यादव, विजय यादव विजय यादव विनय यादव भागवत कथा के मुख्य यजमान है। दीदी सैकड़ो की तादाद में श्रद्धालु भागवत कथा सुनने के लिए पहुंच रहा है ठीक है और कल रवि यादव ने श्रद्धालु जनों से आग्रह किया है कि कल अंतिम दिन अवश्य पधारे।
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