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बिजली कंपनी के कर्मियों के साथ हो रहा भेदभाव,अधिकारियों को ही तीन प्रतिशत तकनीकी भत्ता दिए जाने से भडक़ा आक्रोश
कोरबा। बिजली कंपनियों में केवल अधिकारियों को ही तीन प्रतिशत तकनीकी भत्ता दिए जाने और कर्मियों को इसके लाभ से वंचित करने से नाराजगी बढ़ती जा रही है। वहीं इस मुद्दे पर कर्मचारी संघ ने इस पर आपत्ति जताते हुए तकनीकी कार्य की श्रेणी में कार्यरत तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भी तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की मांग रखी है। बिजली कंपनी का वास्तविक तकनीकी कार्य बिजली उत्पादन, पारेषण व बिजली वितरण के अंतर्गत होता है। जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं तक सतत बिजली सेवा प्रदान करने का कार्य होता है। इसमें कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों का विशेष योगदान होता है। संघ के अनुसार उपभोक्ता तक बिजली पहुंचाने में लगे इस तकनीकी कर्मचारियों को बिजली दुर्घटनाओं सहित अन्य कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन तकनीकी भत्ता केवल अधिकारियों तक ही सीमित कर दिया गया है। जबकि इससे पावर कंपनी में तकनीकी कर्मचारियों के कार्यों को ध्यान नहीं रखा गया है। इसे लेकर बिजली कर्मचारियों में खासी नाराजगी है। कर्मचारी अधिकारियों की तरह तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी महासंघ का कहना है कि वास्तव में तकनीकी संबंधित कार्य अभियंताओं के साथ ही तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के तकनीकी कर्मचारियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन प्रबंधन की ओर से लगातार इसकी अनदेखी की जा रही है। जिससे कर्मचारियों में नारजगी बढ़ रही है। बिजली कर्मचारी संघ के मुताबिक तकनीकी भत्ता नहीं मिलने से लगभग आठ हजार कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। अगर कंपनी में किसी कर्मचारी का न्यूनतम बेसिक 40 हजार रुपए है, तो उस कर्मचारी को इसमें तीन प्रतिशत याने 1200 रुपए अधिक राशि वेतन के साथ जुडक़र मिलना चाहिए। अधिक बेसिक होने पर और अधिक राशि का मिलेगी।
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अभियंता स्तर के अधिकारियों को ही मिल रहा लाभ
अप्रैल 2024 से बिजली कपनियों में केवल अभियंता वर्ग को ही तीन प्रतिशत तकनीकी भत्ता मिल रहा है। बिजली कर्मियों को इसके लाभ से वंचित कर दिए जाने से कर्मचारियों में असंतोष है। बिजली कंपनियों में सहायक अभियंता से कार्यपालक निदेशक के पदों पर कार्यरत सिर्फ डिग्रीधारक अभियंताओं को टेक्नीकल भत्ता प्रदान किए जाने पर कर्मचारियों ने ऐतराज जताया था। लेकिन इसके बाद भी यह लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है।
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कंपनी में तकनीकी योग्यता के आधार पर ही होती है भर्ती
बिजली कर्मचारी संघ-महासंघ के महामंत्री नवरतन बरेठ का कहना है कि कंपनी में मैदानी क्षेत्रों में या संयंत्र में काम करने वाला तकनीकी कर्मचारी ही तकनीकी भत्ता का असली हकदार हैं। साथ ही पावर कंपनी में भर्ती के समय सभी कार्यालयीन व तकनीकी कर्मचारी के योग्यता में शैक्षणिक योग्यता के साथण-साथ तकनीकी योग्यता मांगा जाता है और उसी योग्यता के आधार पर भर्ती होती है। इसलिए कंपनी में काम करने वाले सभी तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को इसका लाभ मिलना चाहिए।