बिलासपुर की सुप्रसिद्ध कथाकार तुलसी तिवारी की कृतियों का…- भारत संपर्क


प्रवीर भट्टाचार्य

बिलासपुर, 1 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित कथाकार श्रीमती तुलसी देवी तिवारी की कालजयी रचनाओं के विमोचन और उनके साहित्यिक अवदान के सम्मान में एक भव्य समारोह का आयोजन आगामी रविवार 6 जुलाई 2025 को किया जाएगा। यह गरिमामय आयोजन प्रयास प्रकाशन साहित्य अकादमी, बिलासपुर और श्री अक्षय पब्लिकेशन, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है।
समारोह का आयोजन होटल बल्ले बल्ले, तारबाहर चौक, बिलासपुर में दो सत्रों में किया जाएगा।
✦ प्रथम सत्र: विमोचन एवं सम्मान समारोह (सुबह 11:00 से दोपहर 1:00 बजे तक)
समारोह के प्रथम सत्र में श्रीमती तुलसी तिवारी की महत्वपूर्ण कृतियाँ — “साहित्य के आलोक में तुलसी”, “पुकार जगन्नाथ की” और “छत्तीसगढ़ की लोक कथाएँ” — का विमोचन किया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें उनके साहित्यिक योगदान के लिए औपचारिक सम्मान भी प्रदान किया जाएगा।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू उपस्थित रहेंगे। उनके साथ मंच पर बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, उच्च न्यायालय बिलासपुर के पूर्व न्यायमूर्ति श्री चंद्रभूषण बाजपेई, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार पाठक, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य एडीएन बाजपेई, वरिष्ठ साहित्यकार नंदकिशोर तिवारी, बिलासपुर एडिशनल एसपी श्रीमती अर्चना झा, प्रयागराज से पधार रहे प्रख्यात साहित्यकार डॉ. भगवान प्रसाद उपाध्याय, तथा सृंगवेरपुर धाम के विद्वान डॉ. बालकृष्ण पांडे विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। इस सत्र में क्षेत्र के दर्जनों साहित्यकार, लेखक, अध्यापक और बुद्धिजीवी बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे।

✦ द्वितीय सत्र: समीक्षा गोष्ठी (दोपहर 2:00 से 4:00 बजे तक)
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में श्रीमती तुलसी तिवारी की कृतियों पर समीक्षा गोष्ठी आयोजित की जाएगी। इस सत्र में पत्रकार महासंघ प्रयागराज के अध्यक्ष डॉ. भगवान प्रसाद उपाध्याय, साहित्य मर्मज्ञ डॉ. बालकृष्ण पांडे तथा वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामनाथ साहू तुलसी तिवारी की रचनाओं की गहन समीक्षा और विमर्श प्रस्तुत करेंगे।
यह आयोजन न केवल छत्तीसगढ़ के साहित्यिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा, बल्कि यह तुलसी तिवारी जैसी लेखिका की उस लोकसंवेदना को रेखांकित करेगा, जिसकी जड़ें आम जनमानस की पीड़ा, संघर्ष और संस्कृति में गहराई से जुड़ी हैं। उनकी रचनाएँ छत्तीसगढ़ी लोकजीवन की सजीव अभिव्यक्ति हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीरता से सराहा गया है।
प्रयास प्रकाशन के निदेशक ने बताया कि यह कार्यक्रम उन सभी साहित्य प्रेमियों के लिए एक दुर्लभ अवसर है, जो समकालीन हिंदी कथा-साहित्य और लोकसंस्कृति में रुचि रखते हैं। समारोह में पुस्तकें पाठकों को उपलब्ध कराई जाएंगी तथा लेखिका से संवाद का भी अवसर मिलेगा।
बिलासपुर साहित्यिक चेतना के इस आयोजन का साक्षी बनेगा और यह दिन तुलसी तिवारी की साहित्यिक यात्रा में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगा।
तुलसी देवी तिवारी: परिचय और साहित्यिक यात्रा
तुलसी देवी तिवारी (बिलासपुर) ने अब तक लगभग 18‑20 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें साहित्य की विभिन्न विधाएँ शामिल हैं। प्रमुख रचनाएँ और उनकी संख्या इस प्रकार हैं:

हिंदी में कहानी-संग्रह
पिंजरा
सदर दरवाजा
परत‑दर‑परत
आखिर कब तक
राज लक्ष्मी
भाग गया मधुकर
शाम के पहले की स्याह
इंतज़ार एक औरत का
(कुल 8 संग्रह)
छत्तीसगढ़ी कहानी-संग्रह
केजा
रैनबसेरा
(कुल 2 संग्रह)
उपन्यास
कमला
(1 उपन्यास)
यात्रा-संस्मरण
सुख के पल
ज्वार का पानी
नाचे-जी नगानी
जगन्नाथ की पुकार
पत्थरों गीत, जीवन के मीत
(कुल 5 पुस्तकें)
बाल-साहित्य
राजकुमार भरत
राजलक्ष्मी
(2 रचनाएँ जो बच्चों के लिए लिखी गईं)
कुल मिलाकर:
8 (हिंदी कहानी) + 2 (छत्तीसगढ़ी कहानी) + 1 (उपन्यास) + 5 (यात्रा-संस्मरण) + 2 (बाल-साहित्य) = 18 से अधिक पुस्तकें।
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