भुगतान के लिए अन्नदाता हो रहे किसान परेशान, भुगतान में…- भारत संपर्क
भुगतान के लिए अन्नदाता हो रहे किसान परेशान, भुगतान में भेदभाव करने का लगाया आरोप
कोरबा । आकांक्षी जिला कोरबा में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अभियान पर विराम लग चुका है। इसके करीब एक पखवाड़े बाद भी अन्नदाता किसान अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई पानी के लिए लचर बैंकिंग व्यवस्थाओं की वजह से सहकारी बैंक का चक्कर काटने मजबूर हैं। बुधवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा शाखा में लेमरू,श्यांग,कनकी समिति के सैकड़ों किसान भुगतान के लिए पहुंचे थे।शाम 6 बजे भुगतान के लिए बैंक के बाहर खड़े किसानों ने बैंक प्रबंधन पर अन्य किसानों की तरह चढ़ावा न देने पर भेदभाव कर भुगतान के लिए 3 से 4 घण्टे तक इंतजार कराने ,महज 25 हजार तक भुगतान करने ,बैंक की कुंडी बंदकर बाहर खड़े करने का गंभीर आरोप लगाया। किसान और बैंक प्रबंधन के आमने सामने होने से शासन की धान खरीदी,भुगतान व्यवस्थाओं की किरकिरी हो रही। मामले में जिला प्रशासन से दखल की गुजारिश की गई है।
जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024 -25 में
31 लाख क्विंटल धान खरीदी के लक्ष्य की पूर्ति में 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में 44 हजार 427 किसानों ने 29 लाख 15 हजार 548.80 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 670 करोड़ 57 लाख 62 हजार 240 रूपए का धान बेचा। जहाँ जिला लक्ष्य की पूर्ति में 17 फीसदी दूर रह गया, वहीं खरीदे गए धान का भुगतान जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को पर्याप्त राशि नहीं मिलने एवं अमले के कमी की वजह से किसानों को समय पर नहीं हो पाने अधूरे भुगतान होने की शिकायतें आ रही है। बुधवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के कोरबा शाखा में शाम 5 बजे एक बार फिर सैकड़ों किसानों ने गम्भीर आरोप लगाते हुए व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की।श्यांग ,लेमरु ,देवपहरी ,कथरीमाल व अन्य जगह से पहुंचे किसानों ने बैंक में महज 25 हजार रुपए तक भुगतान करने, चढ़ावा देने वाले चहेते किसानों को त्वरित भुगतान करने का गम्भीर आरोप लगाया। बैंक पहुंचे तराईमारडीह से पहुंचे किसान मुकितराम राठिया ने बताया कि उन्होंने बरपाली समिति में 103.30 क्विंटल धान बेचा है। जिसका 2 लाख 37 हजार भुगतान होना है। लेकिन आज उन्हें सिर्फ 25 हजार रुपए का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि शादी ब्याह का सीजन है इतनी कम राशि के भुगतान से कैसे व्यवस्था करेंगे। उन्होंने जो पैसे देते हैं उनका तत्काल अधिक भुगतान होने का आरोप लगाया। कथरीमाल से पहुंचे किसान जीवनलाल ने बताया कि उन्होंने कनकी समिति में धान बेचा है ,लेकिन उनका खाता कोरबा ब्रांच में होने की वजह से वे भुगतान के लिए पहली बार यहां पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि 3 घण्टे से अपनी बारी का इंतजार कर रहा हूँ 5 बज गए अंदर से भुगतान हेतु बुलावा नहीं आया। अंदर से गार्ड ने सिटकनी लगा हमें बाहर कर दिया है। उन्होंने बैंक प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो चहेते हैं उन्हें बुला बुला के त्वरित भुगतान कर रहे हैं।श्यांग से पहुंचे किसान सुखराम ,देवपहरी से पहुंचे किसान मंगलसिंह कंवर ने भी जीवनलाल के आरोपों पर समर्थन देते हुए बैंक प्रबंधन पर भेदभाव कमीशनखोरी का आरोप लगाया। दोनों किसान हाथी प्रभावित क्षेत्रों के किसान हैं बावजूद वे भुगतान के लिए बैंक प्रबंधन की अव्यवस्था से हताश निराश दिखे।