भारत से भिड़ने से पहले ही पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर? न्यूजीलैंड से … – भारत संपर्क

फंस गई पाकिस्तान की टीम. (फोटो- Chris Hyde-ICC/ICC via Getty Images)
पाकिस्तान की मेजबानी 2025 चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत हो गई है. लेकिन पाकिस्तान के लिए टूर्नामेंट का पहला मैच किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. दरअसल, टूर्नामेंट का ओपनिंग मैच पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीमों के बीच कराची के नेशनल स्टेडियम में खेला गया. इस मुकाबले में पाकिस्तान की ओर से काफी खराब प्रदर्शन देखने को मिला, जिसके चलते उसे 60 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ ही मेजबान देश के लिए सेमीफाइनल में पहुंचना मुश्किल हो गया है. वहीं, उसे अब अगला मैच भारत के खिलाफ खेलना है.
भारत से भिड़ने से पहले मुश्किल में फंसा पाकिस्तान
2025 चैंपियंस ट्रॉफी 8 टीमों के बीच खेली जा रही है. पाकिस्तान की टीम ग्रुप ए में भारत, न्यूजीलैंड और बांग्लदेश के साथ है. वहीं, ग्रुप स्टेज में उसे इन तीनों टीमों के खिलाफ 1-1 मैच खेलना है. यानी ग्रुप स्टेज में अब उसके 2 मैच बचे हैं. पाकिस्तान का अगला मैच 23 फरवरी को भारत से है और फिर उसका सामना बांग्लादेश से होगा. अगर, पाकिस्तान को सेमीफाइनल में पहुंचना है तो ये दोनों ही मैच उसके लिए करो या मरो जैसे होंगे. उसे हर हाल में दोनों मुकाबले जीतने होंगे और रन रेट में भी सुधार करना होगा.
दरअसल, किसी भी टीम को सीधा सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए कम से कम 3 में से 2 मैच जीतने हैं. ऐसे में पाकिस्तान की टीम इन दोनों मुकाबलों में से एक में भी हार जाती है तो वह टूर्नामेंट से लगभग बाहर हो जाएगी. अगर, वह ग्रुप स्टेज में एक ही मैच जीतती है तो उसे बाकी टीमों के नतीजों पर भी निर्भर रहना पड़ेगा. इस कंडीशन में उसे उम्मीद करनी होगी कि उसके ग्रुप में एक टीम अपने सभी 3 मैच जीत जाए और बाकी दो टीमें 1-1 मैच ही जीतें. ऐसे में पाकिस्तान की टीम रन रेट के आधार पर सेमीफाइनल में पहुंचने की दावेदार होगी.
दुबई में पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी
बता दें, भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच ये मैच दुबई के दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा. इस मैदान पर भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच अभी तक 2 वनडे मैच खेले गए हैं. लेकिन इन दोनों ही मैचों में पाकिस्तान की टीम को हार का सामना करना पड़ा है. यानी उसे सेमीफानल के लिए अपनी उम्मीदों को जिंदा रखना है तो इस बार इन आंकड़ों को बदलना होगा, जो उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहने वाला है.