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यादव समाज के दो कथावाचकों से अन्याय के खिलाफ भड़का आक्रोश, सर्व यादव समाज ने कार्रवाई की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
कोरबा। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में यादव समाज के दो कथा वाचक मुकुटमणि यादव और संत सिंह यादव के साथ कथित ब्राह्मणों द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ आक्रोश फूट पड़ा है। सर्व यादव समाज ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। कथित ब्राह्मणों द्वारा किए गए अन्याय की जांच और कार्रवाई की मांग की है।सोमवार को सर्व यादव समाज के जिलाध्यक्ष नत्थूलाल यादव सहित समाजजन बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे। सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि जिस तरह से व्यास पीठ से नीचे उतारकर दोनों कथा वाचकों के साथ मारपीट करते हुए उनकी चोटी काट ली गई। उन्हें मूत्र से पवित्र किया गया। उनकी चेन अंगूठी लूट ली गई। घर से पैसे मंगवा कर देने के लिए उन्हें विवश किया गया। यह सब सुनकर ऐसा लगता है कि हम उस भारत में निवास नहीं कर रहे हैं जहां संविधान का राज है। जहां समरसता स्थापित करने के लिए तमाम संगठन सतत प्रयासरत है। इटावा जनपद के कथित ब्राह्मणों द्वारा यादव समाज को लेकर की गई घटना से समाज को अत्यंत वेदना हो रही है। पिछले कुछ वर्षों से कथित ब्राह्मण समाज के लोग अपना वर्चस्व बनाए रखते के लिए ऐसा बर्ताव रहे हैं वह अक्षम्य है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद की कथा वाचिका यामिनी साहू और मध्य प्रदेश की देविका पटेल को भी कथा वाचन से रोकने का प्रयास किया गया है। उनके साथ भी अभद्रता की गई। इसकी शिकायत पर पुलिस द्वारा क्या कार्रवाई की गई आज तक पता नहीं चला। अब उत्तर प्रदेश के इटावा में मुकुटमणि यादव, संत सिंह यादव और उनके सहयोगी के साथ जो बर्ताव किया गया है उसे लेकर छत्तीसगढ़ के 35 लाख यादव आहत हैं। उन्हें सनातनी और भगवान श्री कृष्ण का वंशज होने के कारण दुख है की उनके आराध्य व पूर्वज की कथा वाचन करने का अधिकार भी कथित ब्राह्मण नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि यादव समाज ब्राह्मणों को आदर देता है। उनसे ही अपने निज निवास में सारे कर्मकांड संपादित कराता है। उनका चरण वंदन करता है, लेकिन जिस तरह का व्यवहार कथित ब्राह्मणों द्वारा किया गया और उनके समाज के जो लोग यह कहने से गुरेज नहीं कर रहे हैं कि इटावा में ब्राह्मणों ने जो किया वह धर्मसंगत है उससे यादव समाज को अतिशय कष्ट हो रहा है। ऐसे लोगों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।