सोशल मीडिया पर बच्चों के आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने वालों…- भारत संपर्क
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सिविल लाइन पुलिस ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामलों में की सख्त कार्रवाई
सिविल लाइन थाना पुलिस ने सोशल मीडिया पर बच्चों के आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच अलग-अलग मामलों में FIR दर्ज की है। यह कार्रवाई नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के निर्देश पर की गई, जिसने साइबर सेल को जांच के लिए जरूरी सबूत उपलब्ध कराए थे।
NCRB के निर्देश पर हुई कार्रवाई
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने साइबर सेल को एक सीडी भेजी, जिसमें सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित वीडियो के प्रमाण थे। इन वीडियो की जांच करने पर साइबर सेल ने पाया कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह आपत्तिजनक सामग्री साझा की गई थी। इसके बाद पुलिस ने सिविल लाइन थाने में पांच अलग-अलग मामलों में FIR दर्ज की।
आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी ऑनलाइन गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आती हैं। इस मामले में आईटी एक्ट की धारा 67बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, सभी पांच मामलों में पॉक्सो (POCSO) एक्ट की भी धारा लगाई गई है, जिससे आरोपियों पर और कड़ी कानूनी कार्रवाई संभव होगी।
साइबर अपराधों पर NCRB की कड़ी नजर
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो लगातार नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल की मॉनिटरिंग करता है, जहां साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों का निवारण किया जाता है। खासकर रेप, पोर्नोग्राफी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामलों में कानूनी कार्रवाई की जाती है।
इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अपराध
पुलिस ने आम जनता को सतर्क करते हुए कहा है कि इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी सर्च करना, देखना या शेयर करना भी अपराध है। ऐसा करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर वे इस तरह की किसी भी गतिविधि के बारे में जानकारी रखते हैं, तो तुरंत इसकी शिकायत करें।
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