भारत ने फिलीपींस को सौंपी दुनिया की सबसे तेज मिसाइल, चीन को मिला बड़ा संदेश | india… – भारत संपर्क

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भारत ने फिलीपींस को सौंपी दुनिया की सबसे तेज मिसाइल, चीन को मिला बड़ा संदेश | india… – भारत संपर्क
भारत ने फिलीपींस को सौंपी दुनिया की सबसे तेज मिसाइल, चीन को मिला बड़ा संदेश

ब्रह्मोस मिसाइल

भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप सौंप दी है, जो दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. दोनों देशों के बीच यह सौदा 2021 में करीब 365 मिलियन डॉलर में तय हो गया था. लेकिन फरवरी 2023 को 21 फिलीपींस मरीन के एक बैच ने ब्रह्मोस एंटी-शिप सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के संचालन और रखरखाव का प्रशिक्षण भी भारत में लिया था. दक्षिण पूर्व एशियाई देश फिलीपींस के नौसैनिक जल्द ही मिसाइलों की तीन बैटरियों से लैस होंगे.

चीन से बढ़ते तनाव के बीच फिलीपींस ने 2013 में सैन्य आधुनिकीकरण का प्रयास शुरू कर दिया है. 31 दिसंबर, 2021 को फिलीपींस के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि उसने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड को 374 मिलियन डॉलर में तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करने के उसके प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए टेंडर जारी किया है.

भारत और रूस की नदियों पर नाम

ब्रह्मोस मिसाइल, जिसका नाम भारतीय ब्रह्मपुत्र और रूसी मोस्कोवा नदियों के नाम पर रखा गया है. इसे भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम में संयुक्त रूप से विकसित किया गया था, जिसे 1998 में भारत में बनाया जाने लगा. ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है और इसे पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है. यह ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक गति से उड़ान भरती है, जिससे दुश्मन के लिए इसे गिराना मुश्किल हो जाता है. इसकी मारक क्षमता लगभग 300 से 500 किमी है.

मिसाइल की क्षमता

मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी ऐसे समय में हुई है जब दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस और चीन के बीच तनाव के कारण सैन्य टकराव हो रहा है. पिछले एक दशक में चीन ने पैरासेल्स और स्प्रैटलिस नामक दो द्वीपों और उसके आसपास की समुद्री सीमा पर नियंत्रण करते हुए फिलीपींस को धमकाना शुरू कर दिया है. बीजिंग ने यहां पर अपनी चौकियां स्थापित की है और हवाई पट्टियों का निर्माण करते हुए सैन्य विस्तार किया है.

चीन को क्या संदेश?

साउथ चाइना सी में फिलीपींस का स्पार्कली आइलैंड्स को लेकर विवाद चलता रहता है. चीन के चाइना छोटे आइलैंड वाले देशों को धमकाया जाता है, क्योंकि यह देश सैन्य रूप से इतने मजबूत नहीं है. इंडिया की तरफ से भी यह पहली बार होगा जब चाइना के दुश्मनों को कोई हथियार बेचा गया हो. फिलिपींस राष्ट्रपति पहले ही कह चुका है कि हम पीछे नहीं हटने वाले हैं और हम अपनी सेना का आधुनिकीकरण करने जा रहे हैं. चीन की आक्रामकता को रोकने के लिए एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है और फिलीपींस जैसे देशों को हथियारों की दौड़ में चीन प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित कर रहा है.

चीन फिलीपींस, भारत और ताइवान के साथ भी आक्रामक रहा है. भारत के दृष्टिकोण को देखें तो फिलीपींस भारत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण देश है. भारत फिलीपींस के साथ-साथ अन्य देशों के लिए अधिक विश्वसनीय सुरक्षा प्रदाता भागीदार बनने के लिए अपने खेल को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. हिंद महासागर भारत के व्यापार के लिए संचार का एक प्रमुख समुद्री मार्ग है. अगर भारत इस क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है तो उसे सुरक्षा मामलों के लिए वहां रहना होगा. इस बात को लेकर चीन सबसे अधिक चिंतित है. सिर्फ फिलीपींस ही नहीं है, जो ब्रह्मोस खरीद रहा है, भारत भी अपनी सैन्य क्षमताओं और सीमा बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है.

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