सोनोग्राफी के लिए दिन निर्धारित, जांच के लिए करना पड़ रहा…- भारत संपर्क
सोनोग्राफी के लिए दिन निर्धारित, जांच के लिए करना पड़ रहा इंतजार, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक एक दिन सुविधा
कोरबा। जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहले सप्ताह के छह दिन सोनोग्राफी की सुविधा थी, लेकिन यह सुविधा बंद हो गई है। सप्ताह में सोमवार और मंगलवार को ही सोनोग्राफी जांच की जा रही है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में बुधवार का दिन निर्धारित है। जबकि पाली, करतला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरबा में क्रमश: गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार का दिन सोनोग्राफी जांच के लिए निर्धारित है। दूसरे दिन पहुंचने पर मरीजों को एक सप्ताह तक का इंतजार करना पड़ रहा है।
बता दें कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के द्वारा सोमवार और मंगलवार को सोनोग्राफी जांच की जाती है। इसकी वजह से मरीजों की परेशानी कम नहीं हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के पास मशीनें तो है, लेकिन मशीन चलाने के लिए पर्याप्त चिकित्सक नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन से जांच की पर्याप्त सुविधा नहीं है। इससे जांच कराने वाले मरीजों की सूची लंबी हो रही है। समय पर सोनोग्राफी कराने के लिए मरीज व उनके परिजन निजी लैब की ओर रुख कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि निजी लैब में सोनोग्राफी जांच कराने के लिए लगभग एक हजार से दो हजार रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। इससे मध्यम व गरीब परिवार के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।जिले में स्वास्थ्य सुविधा का ऐसा बुरा हाल है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित अलग-अलग विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुल पांच सोनोग्राफी मशीन के लिए सिर्फ एक रेडियोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट चिकित्सक हैं। इससे सोनोग्राफी कराने वाले मरीजों की वेटिंग एक से डेढ़ माह चल रही है। अस्पताल में रोजाना लगभग 70 से 80 मरीज सोनोग्राफी से जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं।सामान्य दिनों में जब सप्ताह के छह दिन जांच हो रही थी इस दौरान वेटिंग 20 से 25 दिनों की थी। सोनोग्राफी मशीन से जांच कराने के लिए सबसे अधिक गर्भवती महिला, सडक़ दुर्घटना में घायल, पेट दर्द, छाती, फेफड़ा, नस, कैंसर, थायरॉइड सहित कई गंभीर बीमारी के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ-साथ ग्रामीण व उप नगरीय क्षेत्र के लोगों को सोनोग्राफी जांच के लिए मशीनें उपलब्ध कराई गई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास एक ही रेडियोलॉजिस्ट हैं, जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा, पाली, करतला और कोरबा के रानी धनराज कुंवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों में सप्ताह के एक-एक दिन ही सोनोग्राफी होती है। अब तक आपातकालीन स्थिति में भी इलाज के लिए लोग मरीज को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचते थे और सोनोग्राफी जांच की जरूरत पडऩे पर अस्पताल से रिपोर्ट मिल जाती थी। लेकिन अब स्थिति ऐसी है कि इसके लिए भी लंबे समय तक मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। बावजूद इसके समस्या पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पताल से सोनोग्राफी करानी पड़ रही है। इसके लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है। इससे सबसे अधिक परेशान आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों को हो रही है।