PAK संसद में हुई भारत की जमकर तारीफ, पाकिस्तान को दिखाई गई उसकी औकात | pakistan… – भारत संपर्क

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PAK संसद में हुई भारत की जमकर तारीफ, पाकिस्तान को दिखाई गई उसकी औकात | pakistan… – भारत संपर्क
PAK संसद में हुई भारत की जमकर तारीफ, पाकिस्तान को दिखाई गई उसकी औकात

शहबाज शरीफ, पीएम मोदी और मौलाना फजल उर रहमान

पाकिस्तान के प्रमुख नेता मौलाना फजल उर रहमान ने पाकिस्तान की संसद में अपने मुल्क को आइना दिखाया है. फजल उर रहमान ने कहा कि जहां भारत वैश्विक महाशक्ति बनने के करीब पहुंच रहा है, वहीं पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को बर्बादी से बचाने की भीख मांग रहा है. रहमान ने पाकिस्तानी सेना पर भी कटाक्ष किया.

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख रहमान ने नेशनल असेंबली में जोरदार भाषण दिया. उन्होंने कहा, हमने 2018 के चुनाव पर भी आपत्ति जताई थी और हमें इस (8 फरवरी के चुनाव) पर भी आपत्ति है. अगर 2018 के चुनाव में धांधली हुई थी, तो वर्तमान में धांधली क्यों नहीं हुई? रहमान ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन से आग्रह किया कि अगर संसद में बहुमत है तो पीटीआई को सरकार बनाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि आइए यहां (विपक्षी बेंच पर) बैठिए और अगर पीटीआई वास्तव में बड़ी पार्टी है तो उन्हें सरकार दें.

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सदन में क्या-क्या बोले फजल उर रहमान?

अपने भाषण के दौरान उन्होंने भारत के साथ समानताएं व्यक्त कीं. उन्होंने कहा, जरा भारत और हमारी तुलना करें… दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी, लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि फैसले कोई और लेता है लेकिन समस्याओं के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है.

रहमान ने इस्लामिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) की सिफारिशों को लागू करने में विफलता पर भी अफसोस जताया. मौलाना फजल उर रहमान ने कहा कि हमें देश इस्लाम के नाम पर मिला था, लेकिन आज हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बन गए हैं. 1973 के बाद से सीआईआई की एक भी सिफ़ारिश लागू नहीं की गई है. हम एक इस्लामिक देश कैसे हो सकते हैं. सीसीआई एक संवैधानिक निकाय है जिसे कानूनों के इस्लामीकरण में मदद करने के लिए स्थापित किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान दिवालिया होने से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भीख मांग रहा है.

मौलाना फजल उर रहमान की पार्टी जेयूआई-एफ पीटीआई का कट्टर प्रतिद्वंद्वी थी और उसने इमरान खान को हटाने के लिए कदम उठाया था. उसके पतन के बाद JUI-F गठबंधन सरकार का हिस्सा बन गया. हालांकि, चुनाव के बाद उन्होंने पीएमएल-एन और पीपीपी से नाता तोड़ लिया. उसने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए चुनावों में धांधली की गई थी.

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