टैरिफ कम करना चाहता है भारत, मगर अब देर हो चुकी… ट्रंप का नया दावा – भारत संपर्क


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ एकतरफा रिश्ता रहा है. भारत ने हमसे ऊंचे टैरिफ वसूले हैं, वो भी किसी भी देश से ज्यादा. ट्रंप ने कहा कि बहुत कम लोग यह समझते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, जबकि वे हमारे साथ बहुत ज्यादा व्यापार करते हैं.
उन्होंने कहा कि वे (भारत) हमें भारी मात्रा में सामान बेचते हैं, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं. भारत अपना ज्यादातर तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है, अमेरिका से बहुत कम. उन्होंने अब अपने टैरिफ को पूरी तरह से कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है. उन्हें ऐसा वर्षों पहले कर देना चाहिए था. ट्रंप ने कहा कि भारत को बहुत पहले टैरिफ कम कर देने चाहिए थे.
US President Donald Trump posts on Truth Social, says, “What few people understand is that we do very little business with India, but they do a tremendous amount of business with us. In other words, they sell us massive amounts of goods, their biggest client, but we sell them pic.twitter.com/CmD7j4jSdM
— ANI (@ANI) September 1, 2025
50 फीसदी टैरिफ के बाद रिश्तों में खटास
ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है. इस खटास के पीछे रूस है. दरअसल, अमेरिका नहीं चाहता है कि भारत रूस से तेल खरीदे. हाल ही में उसने इसको लेकर आपत्ति जताई थी. अमेरिका ने कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है और इससे बड़ा मुनाफा कमा रहा है. इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
भारत ने कहा कि रूस से हमारी खरीद वैश्विक बाजार की स्थिति पर आधारित है. रूसी तेल खरीदकर हमने वैश्विक तेल कीमतों को स्थिर रखने में मदद की है. अमेरिका और यूरोपीय देशों ने खुद हमारे इस कदम की सराहना की थी. भारत ने कहा कि वह रूसी तेल खरीदना जारी रखेगा.
भारत-रूस-चीन के गठजोड़ से घबरा गए ट्रंप?
ट्रंप का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब चीन के तियानजिन में भारत-रूस और चीन का गठजोड़ दिखा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप भारत-रूस और चीन के गठजोड़ से घबरा गए? SCO और ब्रिक्स की मजबूती से ट्रंप क्या टेंशन में आ गए क्योंकि तियानजिन में पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग के बीच जबरदस्त डिप्लोमेसी दिखी.