इस साल हरा सोना संग्राहकों को करेगा मालामाल, तेंदूपत्ता से…- भारत संपर्क

0



इस साल हरा सोना संग्राहकों को करेगा मालामाल, तेंदूपत्ता से इस बार दोगुनी होगी आमदनी

कोरबा। तेज कडक़ती धूप में कड़ी मेहनत कर हरा सोना यानी तेंदू पत्ता का संग्रहण करने वाले ग्रामीणों को इस बार दोगुनी कीमत मिलेगी। प्रति मानक बोरे की सरकारी दर 5,500 रुपये निर्धारित की गई है। नीलामी के दौरान कोरबा वन मंडल के 36 समितियों में लेमरू और विमलता के तेंदूपत्ता 11 हजार रुपये प्रति मानक बोरी के दर से बिके है। अधिक दर पर पत्तों की खरीदी का सीधा लाभ तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा। सरकारी दर की तुलना में उन्हें दोगुना दाम मिलेगा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता सोने जैसा है। कोरबा के घने और समृद्ध जंगलों में जो तेंदूपत्ता मिलता है, उसकी क्वालिटी के कारण डिमांड देश भर में रहती है। मार्च के पहले सप्ताह में वन विभाग समितियों के माध्यम से शाख की कटाई छटाई यानि की शाख कर्तन किया है। इसके दो माह बाद मई में पौधों में नए कोमल पत्ते निकल आएंगे। यह पत्ता बीड़ी उद्योग के लिए उपयोगी होता है। संग्रहण कार्य से जुड़े अकेले कोरबा वन मंडल के 48 हजार वनवासी परिवारों को इस वनोपज से लाभ मिलता है।छत्तीसगढ़ सरकार ने साल 2023 में तेंदूपत्ता का सरकारी दर 5000 रूपये प्रति मानक बोरा निर्धारित किया था। वर्ष 2024 में इसे बढ़ाकर 5,500 रूपये किया गया है। शासन ने इस दर को 2025 के लिए भी यथावत रखा है। कोरबा वनमंडल को 53 हजार 800 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। तेंदूपत्ता संग्रहण से पूर्व शाख कर्तन सहित अन्य तैयारियां शुरू कर दी गई थी। एक मई के आसपास अधिकांश फड़ों में तेंदूपत्ता संग्रहण और खरीदी का कार्य शुरू किया जाएगा। नीलामी में कई समितियों को दोगुना लाभ मिलेगा। लेमरू समिति के लिए 11000 रुपए तक बोली लगाई गई है।
बॉक्स
कोरबा के तेंदूपत्ते की मांग ज्यादा
कोरबा की पहचान औद्योगिक नगरी के रूप में की जाती है, तो दूसरी तरफ कोरबा के समृद्ध जंगल भी काफी खास हैं। जिले का करीब 60 फीसदी हिस्सा वनों से आच्छादित है. जहां उगने वाले तेंदूपत्ते की मांग छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में हैं।
बॉक्स
हाथियों से बचकर करते हैं संग्रहण कार्य
लेमरू वन परिक्षेत्र हाथी रिजर्व के लिए चिन्हांकित है। अनुकूल वातावरण की वजह से यह क्षेत्र हाथियों का रहवास भी है इसलिए कोरबा में तेंदूपत्ता संग्राहक हाथियों के खतरों से बचकर तेंदूपत्ता संग्रहण का काम करते हैं। लेमरू वन परिक्षेत्र हाथी रिजर्व के लिए चिन्हांकित है। यह क्षेत्र हाथियों की रिहायश के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. कोरबा में हाथियों की निगरानी की जाती है। जिस समिति के आसपास हाथी मंडराते हैं। वहां खतरा कम होने तक तेंदूपत्ता संग्रहण का काम बीच बीच में रोका भी जाता है। तेंदूपत्ता की खरीदी 1 मई से कोरबा में शुरू हो जाएगी।

Loading






Previous articleकोरबा जल्द दौड़ेगी 40 बसें ई सिटी बसें, प्रदूषण से निजात के साथ सार्वजनिक यात्री परिवहन को मिलेगा बढ़ावा
Next articleतीन लोगों पर मारपीट का मामला दर्ज

Arvind Rathore


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किशोर न्याय तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण कानूनों पर कार्यशाला सह परिचर्चा आयोजित – भारत संपर्क न्यूज़ …| ‘पाकिस्तान को कोई नहीं मिटा सकता…’ पहलगाम हमले के बाद पाक क्रिकेटर की भार… – भारत संपर्क| ‘मैं फिल्म तभी करूंगा जब…’ अक्षय-सलमान की वजह से ‘बॉलीवुड के बाजीगर’ बने… – भारत संपर्क| गर्मी में घुटने और कोहनी हो जाते हैं काले, पिगमेंटेशन हटाने के लिए ये हैक्स…| पहाड़ पर चलती गाड़ी से नीचे गिर गई महिला, हादसे का हैरान करने वाला वीडियो हुआ वायरल