बंदूक की गोली जैसा सुपरफास्ट बढ़ रहा देश का डिफेंस सेक्टर,…- भारत संपर्क

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बंदूक की गोली जैसा सुपरफास्ट बढ़ रहा देश का डिफेंस सेक्टर,…- भारत संपर्क
बंदूक की गोली जैसा सुपरफास्ट बढ़ रहा देश का डिफेंस सेक्टर, Make In India दिखा रहा जलवा

बढ़ रहा इंडिया का डिफेंस एक्सपोर्ट

भारत सरकार ने कुछ साल पहले देश के मैन्यूफैक्चर सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल की शुरुआत की थी. अब सरकार का यही कार्यक्रम देश के डिफेंस सेक्टर के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो इस सेक्टर को बंदूक से निकली गोली की तरह सुपरफास्ट ग्रोथ दे रहा है.

‘मेक इन इंडिया’ की सबसे अधिक सफलता देश के डिफेंस सेक्टर में ही दिखती है, क्योंकि इसने देश में रक्षा उत्पादों के प्रोडक्शन को बढ़ाने में काफी मदद की है. एक दशक से भी कम समय में भारत ने ना सिर्फ अधिकतर डिफेंस प्रोडक्ट्स का स्वदेशी करण किया किया है, बल्कि अब उनके इंपोर्टर की बजाय एक्सपोर्टर भी बन गया है.

सरकारी कंपनियों को हुआ सबसे ज्यादा फायदा

डिफेंस सेक्टर में ‘मेक इन इंडिया’ पहल का सबसे ज्यादा फायदा देश की सरकारी रक्षा कंपनियों को हुआ. एक समय में इन कंपनियों की क्षमताओं को लेकर सवालिया निशान लगते थे, लेकिन अब देश के डिफेंस सेक्टर की ग्रोथ में ये कंपनियां ही सबसे अहम रोल अदा कर रही हैं.

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कुछ दिन पहले ही देश के रक्षा मंत्री ने डिफेंस सेक्टर के सभी स्टेकहोल्डर्स को इस सक्सेस स्टोरी के लिए धन्यवाद दिया था. वित्त वर्ष 2023-24 में देश का डिफेंस एक्सपोर्ट 21,083 करोड़ रुपए का रहा है. जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में देश का रक्षा निर्यात महज 15,920 करोड़ रुपए का था. यानी सीधे-सीधे 32.5 प्रतिशत की ग्रोथ.

UPA और NDA की सरकार में आया इतना अंतर

डिफेंस सेक्टर के ग्रोथ और एक्सपोर्ट को लेकर अगर मौजूदा एनडीए सरकार और पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के 10-10 साल के कार्यकाल को देखें, तो आपको बड़ा अंतर देखने को मिलेगा. ईटी की खबर के मुताबिक यूपीए के कार्यकाल 2004-05 से 2013-14 के बीच देश का डिफेंस एक्सपोर्ट 4,312 करोड़ रुपए था. वहीं मौजूदा एनडीए सरकार के कार्यकाल में इस सेक्टर का टोटल एक्सपोर्ट 88,319 करोड़ रुपए रहा है. ये सीधे-सीधे 21 गुना की ग्रोथ को दिखाता है.

डिफेंस सेक्टर को ग्रोथ देने में यूं तो प्राइवेट सेक्टर ने अहम भूमिका निभाई है, लेकिन इस सेक्टर की सरकारी कंपनियां भी पीछे नहीं रही हैं. अगर प्राइवेट सेक्टर का योगदान 60 प्रतिशत है, तो सरकारी कंपनियों का योगदान भी 40 प्रतिशत है.

बंदूक से ड्रोन तक बन रहे भारत में

भारत की कई बड़ी कंपनियां जैसे एलएंडटी, गोदरेज और अडानी देश में कई तरह के रक्षा उत्पाद बना रहे हैं. इसमें छोटी बंदूक से लेकर, बंदूक की गोलियां, ड्रोन और नाइट विजन डिवाइस शामिल हैं. वहीं एचएएल और अन्य सरकारी कंपनियां भी देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में लगी हैं.

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