भारत की जीडीपी को हो सकता है नुकसान, जानिए किसका आया अनुमान…- भारत संपर्क

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भारत की जीडीपी को हो सकता है नुकसान, जानिए किसका आया अनुमान…- भारत संपर्क
भारत की जीडीपी को हो सकता है नुकसान, जानिए किसका आया अनुमान

इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार तिमाही में भारत की जीडीपी पिछली तिमाही के मुकाबले कम रह सकती है. Image Credit source: Andrii Yalanskyi/500Px Plus/Getty Images

सपना है साल 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का. ख्वाब है 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी खड़ी करने का. ये सपना तभी पूरा होगा जब देश की इकोनॉमी रफ्तार ऐसी हो, जिसकी उम्मीद कोई भी ना कर सके. लेकिन तीसरी तिमाही की रियल जीडीपी के आंकड़ें आने से पहले और बजट के बाद तीसरी तिमाही के जीडीपी का अनुमान देश की सत्ता को थोड़ा परेशान जरूर कर सकता है. जी हां लगातार दो तिमाहियों में 7 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ देखने के तीसरी तिमाही में देश की ग्रोथ में एक फीसदी की कमी देखने को मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ये अनुमान किसने जारीर किया है.

गिर सकती है भारत की इकोनॉमी

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जारी किया है. इक्रा ने अपने अनुमान में कहा है कि सितंबर तिमाही के 7.6 फीसदी की तुलना में तीसरी तिमाही में देश की इकोनॉमी नरम पड़कर 6 फीसदी पर रह सकती है. इक्रा रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से ग्रोथ रेट में यह सुस्ती आने की आशंका है. इसके साथ ही इक्रा ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की अवधि में जीवीए ग्रोथ छह फीसदी तक कम होने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 7.4 फीसदी थी.

इंडस्ट्रीयल सेक्टर की ग्रोथ में गिरावट

चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में इंडस्ट्रीयल सेक्टर की ग्रोथ में अनुमानित गिरावट आंशिक रूप से प्रतिकूल आधार प्रभाव और मात्रा विस्तार में सुस्ती की वजह से होने का अनुमान है. हालांकि, कमोडिटी कीमतों में लगातार नरमी ने कुछ क्षेत्रों की लाभप्रदता को अनुकूल बनाए रखा है. इसके अतिरिक्त, अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में भारत सरकार और 25 राज्य सरकारों (अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मणिपुर को छोड़कर सभी राज्यों) के कुल खर्च में 0.2 फीसदी की मामूली गिरावट आने से जीवीए वृद्धि धीमी होने की उम्मीद है.

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क्यों कम रह सकती है ग्रोथ

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि इंडस्ट्रीयल सेक्टर की मात्रा वृद्धि कम होने, निवेश गतिविधियों के कुछ संकेतकों में सुस्त रफ्तार, सरकारी खर्च में सुस्ती और मानसून की मार से दिसंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.6 फीसदी से घटकर छह फीसदी रहने की उम्मीद है. इक्रा रेटिंग्स का अनुमान है कि उद्योग और कृषि के विपरीत चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सेवा क्षेत्रों की जीवीए वृद्धि साल-दर-साल बढ़कर 6.5 फीसदी हो जाएगी, जो 2023-24 की जुलाई-सितंबर अवधि में 5.8 फीसदी थी. इसमें व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं की अहम भूमिका रहेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में केंद्र के गैर-ब्याज राजस्व व्यय में 19.1 फीसदी की उल्लेखनीय गिरावट आई है जबकि सितंबर तिमाही में इसमें 23.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

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