अफगानिस्तान के टुकड़े टुकड़े करने का प्लान… पाकिस्तान और ISI की बड़ी साजिश का… – भारत संपर्क

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अफगानिस्तान के टुकड़े टुकड़े करने का प्लान… पाकिस्तान और ISI की बड़ी साजिश का… – भारत संपर्क
अफगानिस्तान के टुकड़े-टुकड़े करने का प्लान... पाकिस्तान और ISI की बड़ी साजिश का खुलासा

ISIS खुरासान लगातार बढ़ा रहा अपना नेटवर्क

इस पाकिस्तान की आर्मी और ISI घबराई हुई है. उसे अफगानिस्तान से डूरंड लाइन को लेकर धमकियां मिल रही हैं. साथ ही साथ आर्मी कैंप पर हमले हो रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान की सेना और ISI ने अफगानिस्तान के कई टुकड़े करने की साजिश रची है. वे तालिबान से बेहद नाखुश हैं और उसकी सरकार को हटाना चाह रहे हैं. इसके लिए पाकिस्तान और ISI लगातार ISIS खुरासान को आर्थिक और सैन्य मदद मुहैया करा रहे हैं.

पाकिस्तान ने पिछले एक साल में ISIS खुरासान को कई मिलियन डॉलर की मदद की है. उसकी सेना चीन से मिलने वाले हथियारों की भी ISIS खुरासान को सप्लाई कर रही है. पाकिस्तान की सेना ने पिछले एक हफ्ते में ISIS खुरासान के दुश्मन आतंकी संगठन TTP के 26 लोकल कमांडर्स को भी मार गिराया है, ताकि ISIS खुरासान को अपना नेटवर्क बढ़ाने में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

पाकिस्तान की मदद के जरिए ही ISIS खुरासान ने अपने आतंकियों की संख्या बढ़ाई है. साल 2021 में उसके सदस्यों की संख्या 1500 थी, जोकि साल 2024 में बढ़कर 4000 हो गई है. यही नहीं, ये आतंकी संगठन लगातार अपना दायरा बढ़ाता जा रहा है. वह अफगानिस्तान के 34 प्रांतों तक अपना नेटवर्क स्थापिक कर चुका है. अफगानिस्तान में अगस्त 2021 से अब तक 450 से ज्यादा अटैक भी कर चुका है.

ISIS खुरासान पर तालिबान का एक्शन

इधर, तालिबान नेता ने कंधार में आईएसआईएस की मौजूदगी की जांच के आदेश दिए हैं. तालिबान के नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने एक ऑडियो संदेश में कंधार में अपने सुरक्षा कमांडरों को क्षेत्र में आईएसआईएस-खुरासान की मौजूदगी की गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिए हैं. अखुंदजादा ने यह भी निर्देश दिया कि यदि कोई तालिबान अधिकारी सुरक्षा कमांडरों के कर्तव्यों में हस्तक्षेप करता है तो उन्हें सूचित किया जाना चाहिए.

क्या है ISIS खुरासान?

IS खुरासान ने ही 26 अगस्त को काबुल हवाईअड्डे के बाहर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी. काबुल में एक प्रसूति वार्ड में आंतकवादियों ने 2020 में हमला किया था, जिसमें 16 महिलाएं, दो बच्चे और सात अन्य लोगों की मौत हो गई थी. ये आतंकी संगठन अक्सर शिया हजारा अल्पसंख्यक के सदस्यों को निशाना बनाता रहा है. आईएस-के 2014 में बना और इसमें अफगानों और पाकिस्तानियों विशेषकर कट्टरपंथी तालिबान के लड़ाकों को बड़े पैमाने पर भर्ती किया गया था.

इस आतंका संगठन का “खुरासान” नाम एक ऐतिहासिक क्षेत्र से लिया गया है, जिसमें आज के पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के कुछ हिस्से शामिल हैं. अमेरिका ने जनवरी 2016 में इसे “विदेशी आतंकवादी संगठन” घोषित किया था और इसके बनने के तीन सालों के भीतर इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस के वैश्विक आतंकवाद सूचकांक पर आईएस-के दुनिया के चार सबसे खूंखार आंतकी संगठनों में शामिल हो गया है.

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