Indonesian Election 2024: जिस आर्मी जनरल पर लगे लोकतंत्र समर्थकों की किडनैपिंग के… – भारत संपर्क


पूर्व रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबियांतो/Reuters
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश और तीसरे बड़े लोकतांत्रिक देश इंडोनेशिया में बुधवार को नए राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान हुए थे. वोटों की गिनती शुरू होने के बाद आए शुरुआती रुझानों में प्रबोवो सुबियांतो आगे चल रहे हैं. इन रुझानों के आधार पर ही इंडोनेशिया के पूर्व रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबियांतो ने अपनी जीत की घोषणा कर दी है. अनौपचारिक नतीजों के मुताबिक प्रबोवो सुबियांतो को अपने प्रतिद्वंद्वियों से खासा बढ़त मिली है.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे सुबियांतो को गिने जा चुके 85 फीसदी वोटों में 58 फीसदी वोट मिले हैं. हालांकि अभी चुनाव आयोग की ओर से कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
जीत की घोषणा जल्दबाजी
दूसरे उम्मीदवार गंजर और अनीस ने सुबियांतो की जीत की घोषणा को जल्दबाजी बताते हुए ने जनता से औपचारिक नतीजों का इंतेजार करने के लिए कहा है. दोनों नेताओं की टीम ने बताया कि वे चुनावी उल्लंघनों की जांच कर रहे हैं, उन्होंने बिना कोई सबूत दिए कहा कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है.
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अपने समर्थकों का किया शुक्रिया
अपनी जीत का ऐलान करने के बाद सुबियांतो ने समर्थकों का शुक्रिया किया. नेशनल टेलीविजन में दिए गए अपने बयान में सुबियांतो ने कहा, “हमें अहंकारी नहीं होना चाहिए, हमें गर्व नहीं करना चाहिए, हमें उत्साहित नहीं होना चाहिए, हमें अभी भी शांत होना है, यह जीत सभी इंडोनेशियाई लोगों की जीत होनी चाहिए.”
इंडोनेशिया चुनाव में मतदान बिना किसी समस्या के बुधवार को पूरा हो गया था. अधिकारिक नतीजे आने में अभी एक से दो हफ्तों का समय लग सकता है, लेकिन अनऔपचारिक नतीजो के बाद सुबियांतो का राष्ट्रपति बनना तय हो गया है. इस चुनाव पर चीन और अमेरिका की भी नजर है क्योंकि इंडोनेशिया एक बड़ी आबादी वाला देश है और दुनिया के बड़े निर्यातक देशों की इस पर नजर रहती है. इसके अलावा यहां निकल धातु और पाम ऑयल जैसी नेचुरल रिसोर्सिस भी मौजूद हैं.
विवादों से घिरा रहा सुबियांतो का अतीत
प्रबोवो सुबियांतो इंडोनेशिया के एलीट परिवार से आते हैं उनका इतिहास कई विवादों से घिरा रहा है. सुरक्षा चीफ रहते हुए उनके ऊपर मानव अधिकारों के उल्लंघन के कई आरोप लगे खास कर डिक्टेटर सुहार्तो के कार्यकाल में जोकि सुबियांतो के ससुर थे. पूरे चुनाव प्रचार में उनका क्रूर अतीत उनके सामने आता रहा है. सुबियांतो के परिवार का लंबे समय से देश की सत्ता में दखल रहा है. उनके पिता देश के पूर्व फाइनेंस और ट्रेड मिनिस्टर रह चुके हैं, स्टेट बैंक नेगारा इंडोनेशिया की स्थापना भी सुबियांतो के दादा मार्गोनो ने की थी.
1970 में सुबियांतो ने इंडोनेशिया की सैन्य अकादमी में दाखिला लिया और आर्मी के कमांडर बने. बतौर कमांडर उन्होंने पूर्वी तिमोर में इंडोनेशिया के कब्जे के विरोध में उठने वाली आवाजों का क्रूरता से दमन किया. सुबियांतो के उपर सुहार्तो शासन के आखिरी महीनों में प्रो-डिमोक्रेसी एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी का ऑर्डर देने का भी आदेश है. सुहार्तो शासन के खत्म होने के बाद उन्होंने खुद को इंडोनेशिया के लोकतंत्र समर्थक में बदल लिया है, हाल ही में उन्होंने अपनी छवि अपने दादा की तरह मिलनसार और लोगों के मददगार के तौर पर बनाई है. सुबियांतो पिछले दशक से राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं और उनको इंडोनेशिया के पिछले राष्ट्रपति जोको विडोडो का करीबी माना जाता है.