SP का बेटा बना IPS, सचिन ने कहा- अब पापा की तरह मैं भी पहनूंगा वर्दी, UPSC में…


माता-पिता के साथ यूपीएससी में 277वीं रैंक पाने वाले सचिन कुमार.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार के बेटे सचिन कुमार ने यूपीएससी परीक्षा में परचम लहराया है. सचिन कुमार ने 277वीं रैंक हासिल करते हुए IPS में अपनी जगह पक्की की है. अब एसपी ट्रैफिक के आवास पर बेटे के सिलेक्शन के मौके पर खुशी का माहौल है. परिवार के लोगों के द्वारा सचिन कुमार को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया जा रहा है. टीवी9 डिजिटल से बातचीत में सचिन ने अपनी इस सफलता का राज बताया.
सचिन ने बताया कि मेरी सफलता में पूरे परिवार का योगदान है. मैं दो साल से लगन के साथ पढ़ाई कर रहा था. यूपीएससी की जर्नी बहुत लंबी होती है. कई बार आपके हाथ निराशा लगती है. आप लगातार मेहनत करते हैं. आप थक जाते हैं पढ़ते-पढ़ते. सचिन ने बताया कि मेरी तैयारी को लेकर मेरे परिवार के लोग मुझसे बात करते रहते थे. यही नहीं यह भी पूछते थे कि मैं ठीक हूं कि नहीं. मैं पढ़ाई में बहुत बिजी रहता था. उसके बावजूद भी परिवार से लगातार संपर्क में था.
सचिन ने बताया कि मेरा स्ट्रगल दो साल का रहा. दो साल तक मैंने बहुत मेहनत की. मुझे लगता है कि एक ही कमरे में बैठकर एक ही टेबल पर आपको 8 से 9 घंटे रोज एक साल के 365 दिन और दूसरे साल के 365 दिन देने हैं. सबसे बड़ा स्ट्रगल यही है. आपको हर एक छोटी सी छोटी चीज याद रखनी पड़ती है. बार-बार हर चीज को रिवाइज करना पड़ता है और बार-बार हर चीज को याद करना पड़ता है. मुझे लगता है यही स्ट्रगल है.
इंटरव्यू में सचिन से क्या पूछे गए सवाल?
सचिन ने बताया कि मुझे इंटरव्यू में मेरे सब्जेक्ट से जुड़े हुए तमाम सवाल आए थे. मेरे हॉबी से जुड़े हुए कई सवाल थे. मेरे कॉलेज आईआईटी कानपुर से जुड़े सवाल थे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर भी सवाल किया गया था. सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं, उनको लेकर भी सवाल किए गए थे.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर यूपीएससी में सवाल किया गया था, जिस पर सचिन ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जिसको लेकर यह सवाल पूछा गया था. आपको लगता है क्या यह मानवता के लिए खतरा है तो मैंने यह जवाब दिया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानवता के लिए खतरा है. हम पर एक समझदार प्रजाति आने वाली है तो हमें उससे सतर्क रहना चाहिए. हम खुद उसको बना रहे हैं तो हम उसके भगवान हैं. अगर हम उसे अच्छे से जज करके डेवलप करें तो हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अच्छे से यूज कर सकते हैं.
फॉरेन सर्विस के लिए किया था अप्लाई
सचिन ने बताया कि मैंने फॉरेन सर्विस के लिए अप्लाई किया था, लेकिन मेरी 277वीं रैंक हाई है. जो भी मिलेगा मैं उससे संतुष्ट हूं. लाइफ में इतनी बड़ी चीज मिलना, यह भी बहुत बड़ा अचीवमेंट है. अभी तक पापा को वर्दी पहनते देखा था. अब मैं भी पापा की तरह वर्दी पहनूंगा. वहीं सचिन की इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता सहित परिवार के सभी सदस्य काफी खुश हैं.