Iran Israel Tension: ईरान के हमले का मतलब ‘विश्वयुद्ध’, US यूरोप देंगे इजराइल का साथ… – भारत संपर्क

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Iran Israel Tension: ईरान के हमले का मतलब ‘विश्वयुद्ध’, US यूरोप देंगे इजराइल का साथ… – भारत संपर्क
Iran Israel Tension: ईरान के हमले का मतलब 'विश्वयुद्ध', US-यूरोप देंगे इजराइल का साथ तो रूस भी करेगा वार

ईरान ने इजराइल पर हमला क‍िया तो व‍िश्‍वयुद्ध के आसार बन जाएंगे.

ईरान के इजराइल से बदला लेने का ऐलान होते ही मिडिल ईस्ट एक बार फिर जंग का अखाड़ा बनने लगा है. ईरान ये हमला कब और कैसे करेगा ये तय नहीं है, लेकिन अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि ईरान ने जंग की तैयारी कर रहा है. माना जा रहा है कि ईरान मिसाइलों और ड्रोन से इजराइल के सैन्य और सरकारी स्थलों को निशाना बनाकर हमला करने वाला है. इस रिपोर्ट के बाद आनन फानन में अमेरिका के मध्य सैन्य कमांडर जनरल माइकल कुरिला इजराइल पहुंच गए हैं. अमेरिका ने ये भी ऐलान कर दिया है कि अगर ईरान ने इजराइल पर हमला किया तो उसे भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. सबसे खास बात ये है कि ईरान-इजराइल में बढ़ रहे इस तनाव के रूस भी कूद पड़ा है. रूस ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वह किसी भी सूरत में इजराइल की यात्रा न करें.

गाजा पर इजराइल के ताबड़तोड़ हमलों से ईरान बौखलाया हुआ है. हाल ही में जब इजराइदल ने सीरिया में ईरानी वाणिज्यिक दूतावास के पास हमला किया तो ईरान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. दरअसल इस हमले में दूतावास की इमारत को भी नुकसान हुआ और इस्लामिम रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर जनरल रजा जाहेदी तथा मोहम्मद हादी रहीमी मारे गए. हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता ने इजराइल से हमला लेने का ऐलान कर दिया. ईद पर दिए गए अपने सार्वजनिक संबोधन में भी खामनेई ने कहा कि इजराइल को इसकी सजा जरूर मिलेगी. इसके बाद से ही मिडिल ईस्ट में गतिविधियां तेज हो गईं.

ईरान ने हमला किया तो कौन होगा किसके साथ?

ईरान और इजराइल में अगर सीधा युद्ध होता है तो यह जंग का ऐसा मोर्चा होगा जो दुनिया पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. दरअसल ईरान के इजराइल पर हमला करते ही सबसे पहले युद्ध में अमेरिका कूदेगा. अमेरिका के जंग में कूदते ही ब्रिटेन समेत अन्य पश्चिमी देश भी इजराइल के साथ मोर्चा संभाल लेंगे. इस स्थिति में ईरान कमजोर पड़ेगा और उसे भी मदद की जरूरत होगी. जिसका साथ देगा रूस. इसके अलावा कतर, ईराक, सीरिया, लेबनान, यमन जैसे मुस्लिम देश भी सीधे-सीधे ईरान के साथ खड़े हो जाएंगे. रूस और ईरान इससे पहले भी ईराक और सीरिया में सैन्य सहयोगी रहे हैं और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी हैं. ईरान सबसे ज्यादा रूस से ही हथियार खरीदता है. खुले तौर पर यदि इतने देश एक-दूसरे के सामने आए तो मिडिल ईस्ट तबाही की कगार पर पहुंच जाएगा.

बाइडेन बोले हम देंगे इजराइल का साथ

मिडिल ईस्ट में दो ताकतवर देश भिड़े तो इसका असर पूरी दुनिया पर होगा. ऐसा भी कहा जा सकता है कि अप्रत्यक्ष तौर पर ये तीसरे विश्वयुद्ध की तरह होगा. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि वह इजराइल का साथ देंगे. दो दिन पहले व्हाइट हाउस में जापानी पीएम किशिदा फुमियों के साथ बाइडेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मैंने नेतन्याहू को बता दिया है कि ईरान उसके प्रतिनिधियों से खतरों के खिलाफ हम इजराइल के साथ हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी बुधवार को रक्षा मंत्री योव गैलेंट के साथ एक कॉल के दौरान इजरायल के लिए अमेरिकी समर्थन पर जोर दिया और कहा कि वाशिंगटन तेहरान के खतरों के खिलाफ यरूशलेम के साथ खड़ा होगा.

ईरान बोला बीच में न पड़े अमेरिका

अमेरिका की ओर से इजराइल का साथ देने के ऐलान के बाद ईरान ने अमेरिका को एक लेटर लिखकर नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी. ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ़ मोहम्मद जमशीदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अमेरिका को बीच में नहीं आना चाहिए, ताकि उस पर आंच न आए. उधर इजराइल ने ईरान को धमकी दी है कि अगर ईरान ने हमला किया तो इजराइल घर में घुसकर मारेगा. इजराइल विदेश मंत्री काट्स ने सोशल मीडिया पर की गई इस पोस्ट में खामनेई को भी टैग किया है.

नेतन्याहू ने ईरान को दी चेतावनी

इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को F-15 बेस का दौरान किया. इस दौरान उन्होंने ईरान को सीधी धमकी दी अगर हमला किया तो इजराइल भी हिसाब बराबर करेगा. नेतन्याहू ने कहा कि हम चुनौतीपूर्ण समय में हैं. हम गाजा में युद्ध के बीच में हैं जो पूरी ताकत से जारी है. बंधकों को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं. खास बात ये है कि F-15 फाइटर जेट लंबी दूरी का वार करने के लिए इजराइल का प्राथमिक हथियार हैं. नेतन्याहू ने कहा कि हमारा सिद्धांत सरल है जो भी हम पर हमला करेगा हम उसे मारेंगे.

जर्मनी ने कहा संयम बरतें, एयरलाइन ने निरस्त की उड़ानें

जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने ईरानी समकक्ष से बातचीत कर ईरान को संयम बरतने की सलाह दी. बेयरबॉक ने कहा कि सभी पक्ष इस मामले में जिम्मेदारी से काम करें और संयम बरतें. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय तनाव से बचना हर किसी के हित में होना चाहिए. हम सभी जिम्मेदारी से काम करेंगे तो दुनिया को इस नए संकट से बचा लेंगे. वहीं जर्मन एयरलाइंस लुफ्थांसा ने सुरक्षा कारणों की वजह से तेहरान की दैनिक उड़ानों को रद्द करने की अवधि 13 अप्रैल तक बढ़ा दी है. यह निर्णय उन हालात से बचने के लिए किया गया जब एयरलाइन के चालक दल को रात भर तेहरान में रुकना पड़ा था.

रूस ने जारी की चेतावनी

रूस के विदेश मंत्रालय ने नागरिकों को चेतावनी जारी की है, इसमें खास तौर से इजराइल, फिलिस्तीन और लेबनान की यात्रा न करने की सलाह दी दी गई है. ये सलाह अमेरिका की उस रिपोर्ट के बाद जारी की गई, जिसमें यह कहा गया है कि ईरान ने इजराइल पर हमले की तैयारी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि यदि ऐसा हुआ तो मिडिल ईस्ट में एक नई जंग शुरू हो जाएगी.

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