ईरान के सुन्नी नेताओं की मुसलमानों से अपील- इजराइल एक कैंसर है, शियाओं के साथ एकजुट… – भारत संपर्क

ईरान की इजराइल के साथ चली 12 दिनों के लड़ाई ने पूरी दुनिया के मुसलमानों के बीच ईरान की क्षवी बदल दी है. इस पूरी जंग में शिया बहुल पूरी दुनिया के सुन्नी मुसलमानों की पसंद बनने में कामयाब रहा है, वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर की लोकप्रियता भी सुन्नी मुसलमान नौजवानों में बड़ी है. अब ईरान के सुन्नी मुसलमानों ने पूरी दुनिया के मुसलमानों से एक अपील की है.
अपने बयान में सुन्नी विद्वानों ने क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों को न सिर्फ एक भू-राजनीतिक मोड़ के रूप में वर्णित किया, बल्कि ‘कुफ्र’ पर इस्लाम की ऐतिहासिक जीत बताया है. बयान में कहा गया, “यह अहंकार और उत्पीड़न के वैश्विक मोर्चे के खिलाफ इस्लामी गणराज्य और वास्तव में पूरे इस्लामी उम्माह की जीत है.”
“कैंसर है इजराइल”
बयान में इजराइल की कड़ी निंदा करते हुए, विद्वानों ने इसे ब्रिटिश उपनिवेशवाद और अमेरिकी साम्राज्यवाद और से क्षेत्र पर थोपा गया ‘कैंसर का ट्यूमर’ बताया है. उन्होंने अल-कुद्स (जेरुसलेम) पर इसके निरंतर कब्जे और फिलिस्तीनी लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ इसके रोजके अपराधों की निंदा की. बयान में कहा गया, “शासन का नाजायज अस्तित्व निर्दोष लोगों के खून-खराबे पर निर्भर करता है.”
ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड की तारीफ
गाजा में हमास की ओर से किए गए 7 अक्टूबर को ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड का जिक्र करते हुए, विद्वानों ने उन युवा सेनानियों के साहस की प्रशंसा की और कहा कि इस हमले ने ज़ायोनी शासन की नींव हिला दी और इसकी सैन्य और खुफिया श्रेष्ठता के मिथक को उजागर कर दिया.
मुसलमानों से अपील
कुरान की दलील देते हुए ईरान के सुन्नी मौलवियों ने पूरे मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से युवाओं, विचारकों और इस्लामी देशों के नेताओं से उग्रवादी अविश्वासियों के हमले के खिलाफ मजबूती से खड़े होने और इस्लाम के सम्मान और अल-कुद्स की पवित्रता की रक्षा करने का आह्वान किया.
बयान में कहा, “हम, ईरान के सुन्नी विद्वान और बुद्धिजीवी, एकता और स्पष्टता के साथ ऐलान करते हैं कि इस्लाम के इन दुश्मनों के खिलाफ प्रतिरोध एक धार्मिक और नैतिक दायित्व है. इस्लामी दुनिया के लिए यह समय है कि वह मजबूत, एकजुट और अडिग होकर उभरे.”