क्या ईरान से खौफ खा गया अमेरिका? 3 सैनिकों की गई जान, लेकिन बोला हम जंग नहीं चाहते |…
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन
ईरान ने अमेरिका को जॉर्डन में गहरा घाव दिया है. रविवार को मिलिट्री बेस पर हुए हमले में अमेरिका के तीन सैनिकों की जान चली गई. इसके अलावा 40 सैनिक घायल हो गए. हालांकि व्हाइट हाउस ईरान के साथ जंग होते नहीं देख रहा है, लेकिन उसने ईरान में हमलों की संभावना से इनकार नहीं किया है. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए नेशनल सेक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, हम ईरान के साथ युद्ध नहीं चाह रहे हैं. हम सैन्य तरीके से संघर्ष नहीं चाह रहे हैं. हम यहां तनाव बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं.
जॉर्डन में हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, अमेरिका जवाब देगा. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कट्टरपंथी ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों को हमले का दोषी ठहराया था. अमेरिकी रक्षा विभाग ने कथित तौर पर ईरान समर्थित मिलिशिया द्वारा किए गए हमले में मारे गए सैनिकों के नाम भी जारी किए हैं. जो सैनिक मारे गए हैं उनके नाम विलियम रिवर, कैनेडी सैंडर्स और ब्रियोना मोफेट हैं. वे 718वीं इंजीनियर कंपनी के थे. ये जॉर्जिया में स्थित एक अमेरिकी सेना की रिजर्व यूनिट है.
जवाब पर विचार कर रहा है अमेरिका
जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध विकल्पों पर विचार करना जारी रखेगा. लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की कि क्या प्रशासन मानता है कि ईरानी शासन ने सीधे हमले का आदेश दिया था. स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है क्योंकि अमेरिका दुखद घटना के बाद अपनी प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा है. एक दिन पहले ईरान के विदेश मंत्रालय ने जॉर्डन में अमेरिकी अड्डे पर हमले में तेहरान के शामिल होने के दावों का खंडन किया था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रतिरोध समूह अपने सिद्धांतों और प्राथमिकताओं के साथ-साथ अपने देश और लोगों के हितों पर निर्णय लेते हैं और काम करते हैं. इजराइल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब इस क्षेत्र में हुए किसी हमले में अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं.
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ड्रोन ने जॉर्डन में टॉवर 22 के नाम से जाने जाने वाले लॉजिस्टिक सपोर्ट बेस पर हमला किया. मध्य कमान ने कहा कि लगभग 350 अमेरिकी सैनिकी और वायु सेना के कर्मियों को इस बेस पर तैनात किया गया था. अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, अमेरिका अपने सैनिकों और अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा. ऑस्टिन ने कहा कि सैनिकों को आतंकी संगठन आईएसआईएस को स्थायी रूप से हराने के लिए वहां तैनात किया गया था.
सीरिया के अल-तन्फ में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा टॉवर 22 के उत्तर में सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर है. जॉर्डन का यह प्रतिष्ठान सीरिया में अमेरिकी सेनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण रसद केंद्र (लॉजिस्टिक हब) के रूप में कार्य करता है.