Pregnancy me mahilaon ke liye caffeine surakshit hai ya nahin. – प्रेगनेंसी…
आज हम बात करेंगे प्रेगनेंसी में कैफीन के प्रभाव के बारे में! क्या प्रेगनेंसी में महिलाओं को कॉफी पीनी चाहिए और यदि पीनी चाहिए तो यह समझना अधिक महत्वपूर्ण है, कि कैफीन की कितनी मात्रा सुरक्षित है?
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को खान पान के प्रति विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता होती है। एक्सरसाइज से लेकर जीवन शैली की नियमित गतिविधियों में हुई छोटी सी भी गलती, प्रेगनेंसी में बच्चे और मां दोनों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। आज हम बात करेंगे प्रेगनेंसी में कैफीन के प्रभाव के बारे में! क्या प्रेगनेंसी में महिलाओं को कॉफी पीनी चाहिए और यदि पीनी चाहिए तो यह समझना अधिक महत्वपूर्ण है, कि कैफीन की कितनी मात्रा सुरक्षित है?
आजकल लगभग सभी ड्रिंक्स में कैफिन की मात्रा पाई जाती है, वहीं ऐसी ड्रिंक एडिक्टिव होती हैं और हम इन्हे बार-बार कंज्यूम करना चाहते हैं। कॉफी लगभग सभी को पसंद होती है और इसमें सबसे अधिक मात्रा में कैफीन पाया जाता है। यदि आप कंसीव करने का सोच रही हैं और कॉफी की शौकीन हैं, तो पहले आपको प्रेगनेंसी पर इसके प्रभाव के बारे में मालूम होना जरूरी है (too much caffeine in pregnancy)। तो चलिए जानते हैं, प्रेगनेंसी में इसे लेना है या नहीं?
जानें प्रेगनेंसी में क्यों अवॉइड करना चाहिए कैफिन (too much caffeine in pregnancy)
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार कैफीन शरीर में बेहद धीमी गति से मेटाबॉलिक होते हैं, खासकर महिलाओं में यह और धीमा हो जाता है। वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं की बात करें तो कैफीन को बॉडी से बाहर निकलने में डेढ़ से तीन गुना ज्यादा समय लगता है। यदि आप प्रेगनेंसी में अधिक कैफीन का सेवन करती हैं, तो यह आपके शरीर में लंबे समय तक बना रहता है। जिसकी वजह से ये प्लेसेंटा में शामिल हो बच्चे के ब्लडस्ट्रीम तक पहुंच सकता है। यदि यह ब्लड स्ट्रीम तक पहुंच जाए तो बच्चे की सेहत पर इसका बेहद नकारात्मक असर पड़ सकता है।
महिलाओं की सेहत पर भी दिख सकता है असर
नेशनल लाइब्रेरी द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान कैफीन से महिलाओं में ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ जाता है। इसके अलावा शरीर में यूरिन की मात्रा भी बढ़ने लगती है। कैफीन महिलाओं में बेचैनी को बढ़ा देता है और उन्हें नींद से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी महिलाएं कैफीन सेंसिटिव हो जाती हैं, क्योंकि इन्हें ब्लड से क्लीन होने में लंबा समय लगता है। इस वजह से सिर दर्द, कमजोरी और जी मचलने की स्थिति का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की सेहत की इस स्थिति का असर बच्चे की सेहत पर भी नजर आ सकता है।
अधिक कैफिन बन सकती है मिसकैरेज का कारण
रिसर्च की माने तो अधिक मात्रा में कैफीन लेने से महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इसे इनफर्टिलिटी से भी जोड़ा गया है। हालांकि, इस बात को पूरी तरह से प्रमाणित नहीं किया गया है, पर फिर भी इस विषय पर शंका जताई गई है। इसलिए प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार का रिस्क लेने से बेहतर है, उन्हे पूरी तरह अवॉइड करना। कम से कम कैफीन का सेवन करें।
यह भी पढ़ें: बर्थ डिफेक्ट का जोखिम बढ़ा सकती है आपकी लापरवाही, प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले रखें इन 5 बातों का ध्यान
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार यदि कोई महिला हर रोज 200 एमजी से अधिक कैफीन लेती है, तो उनमें मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपनी कैफीन इंटक को जितना हो सके उतना सीमित रखें।
जानें प्रेगनेंसी में क्या है कैफीन की सुरक्षित मात्रा
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार प्रेग्नेंट महिलाओं को या ऐसी महिलाएं जो प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, उन्हें अपनी डाइट में कम से कम मात्रा में कैफीन को शामिल करना चाहिए। हर रोज लगभग 200 एमजी से कम कैफीन लेने की कोशिश करें, इससे आपको किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा।
जानें प्रेगनेंसी में कैफीन के अलावा किन हर्बल ड्रिंक्स का सेवन है सुरक्षित?
प्रेगनेंसी में सौंफ, पेपरमिंट, अदरक, ग्रीन टी आदि से बने हर्बल टी का सेवन सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से उल्टी और जिन चलने की समस्या नहीं होती और महिलाओं को बेहतर महसूस करने में मदद मिलती है।
यह भी पढ़ें: 33 फीसदी महिलाएं करती हैं प्रेगनेंसी के दौरान गंभीर तनाव का सामना, जानिए इसे कैसे कंट्रोल करना है