क्या दुनिया में घट रही भारत की साख? देश के एफडीआई में आई…- भारत संपर्क

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क्या दुनिया में घट रही भारत की साख? देश के एफडीआई में आई…- भारत संपर्क
क्या दुनिया में घट रही भारत की साख? देश के एफडीआई में आई इतनी गिरावट

देश में घट गया एफडीआई

भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ करने वाली इकोनॉमी में से एक है. इसके चलते भारत लंबे समय तक दुनिया में निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थान रहा है. लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसमें देश के अंदर एफडीआई में गिरावट देखने को मिली है. तो क्या भारत की निवेश का सबसे आकर्षक स्थान होने की साख घटी है, या एफडीआई में गिरावट की कोई और वजह है, चलिए समझते हैं…

भारत का प्रत्यक्ष विदेशी (एफडीआई) 2023-24 में 3.49 प्रतिशत घटकर 44.42 अरब डॉलर रहा है. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में देश के अंदर 46.03 अरब डॉलर का एफडीआई आया था. एफडीआई निवेश को लेकर काम करने वाली सरकारी इकाई उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने इस बारे में डिटेल्ड आंकड़े जारी किए हैं.

किस वजह से घटा एफडीआई?

डीपीआईआईटी के आंकड़ों के मुताबिक देश में एफडीआई में गिरावट की प्रमुख वजह सर्विस, कंप्यूटर हार्डवेयर एव सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल और दवा क्षेत्र में कम निवेश आना है.
हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 की आखिरी तिमाही में एफडीआई के अंदर सुधार आया है. जनवरी-मार्च तिमाही में एफडीआई इन्फलो 33.4 प्रतिशत बढ़कर 12.38 अरब डॉलर रहा है. जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की इसी तिमाही में यह 9.28 अरब डॉलर था.

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देश में विदेश से आई टोटल इतनी पूंजी?

डीपीआईआईटी ने एफडीआई इन्फ्लो के साथ-साथ इक्विटी में होने वाले विदेशी निवेश, कमाई को देश में रीइंवेस्ट करने और विदेशी पूंजी के आंकडे़ भी जारी किए हैं. इसके हिसाब से 2023-24 में देश के अंदर इन सभी को मिलाकर कुल 70.95 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश आया है. ये 2022-23 के 71.35 अरब डॉलर के टोटल निवेश से कम है. 2022-23 में भारत के एफडीआई में 22 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वित्त वर्ष 2021-22 में देश को सर्वाधिक 84.83 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हासिल हुआ था.

इन देशों ने किया निवेश

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत को मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केमैन आइलैंड, जर्मनी और साइप्रस देशों से मिलने वाले एफडीआई में कमी आई है. हालांकि, नीदरलैंड और जापान से निवेश में वृद्धि हुई है.

वित्त वर्ष 2023-24 में देश के अंदर सबसे ज्यादा एफडीआई महाराष्ट्र को 15.1 अरब डॉलर आया. यह आंकड़ा 2022-23 में 14.8 अरब डॉलर था. इसके बाद गुजरात को 7.3 अरब डॉलर का निवेश मिला जो 2022-23 में 4.7 अरब डॉलर था. तमिलनाडु, तेलंगाना और झारखंड के एफडीआई में भी वृद्धि हुई है. वहीं दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में एफडीआई गिरा है.

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