क्या ईरान पड़ गया भारी? जॉर्डन में सैन्य ठिकाने पर ड्रोन अटैक से चकराया अमेरिका |…

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क्या ईरान पड़ गया भारी? जॉर्डन में सैन्य ठिकाने पर ड्रोन अटैक से चकराया अमेरिका |…
क्या ईरान पड़ गया भारी? जॉर्डन में सैन्य ठिकाने पर ड्रोन अटैक से चकराया अमेरिका

जो बाइडेन, अमेरिकी राष्ट्रपति

पेंटागन के बारे में आप जानते हैं? ये अमेरिका के रक्षा विभाग का हेडक्वार्टर है. इसकी रिपोर्ट अमेरिकी सुरक्षा और दुनिया के दूसरे मुल्कों की सैन्य रणनीति को आकार देती हैं. इसी पेंटागन के प्रेस सचिव ने एक ऐसी बात कही है जो बाइडेन सरकार की मुश्किलों को बढ़ा सकती हैं. प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने माना है कि जॉर्डन में हुए ड्रोन अटैक को लेकर अभी बहुतेरे ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब का पता लगया जाना बाकी है.

जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी मारे गए थे. ये तीनों अमेरिकी सेना के रिजर्व सैनिक थे. ये हमला सीरिया से लगे सीमा के पास हुआ. जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर जो ड्रोन हमला हुआ, उसमें 40 से ज्यादा सैनिका घायल बताए जा रहे हैं. जो तीन अमेरिकी सैनिक इस हमले में मारे गए हैं – 46 साल के विलियम जेरो रिवर, 24 साल के कैनेडी लाडन सैंडर्स, 23 साल के ब्रेओना एलेक्जोंड्रिया मोफेट.

अमेरिका के लिए चिंता की बात

ये सभी सैनिक जॉर्जिया में मौजूद अमेरिकी सेना के रिर्जव यूनिट से थे. ये सभी इस्लामिक स्टेट के सफाए की मकसद से इस इलाके में तैनात किए गए थे. ये हमला अमेरिका के लिए चिंताजनक किस कदर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस घातक ड्रोन हमले के बाद व्हाइट हाउस, पेंटागन और अमेरिकी विदेश विभाग तीनों को सामने आकर बयान देना पड़ा.

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उधर गाजा पर जारी इजराइली बमबारी और हमले थमने का नाम नहीं ले रहें. इसकी वजह से मध्य पूर्व या यूं कहें की पूरे पश्चिम एशिया में जंग की स्थिति बन गई है. इसकी लपटें हमने देखा लाला सागर और यमन, सीरिया तक भी फैली. पाकिस्तान और ईरान तक में तनातनी के हालात रहें जो अब एक हद तक ठीक कर लिए गए हैं.

अमेरिका क्या दुविधा में है

अमेरिकी रक्षा विभाग ने दावा किया है कि ईरान के समर्थन वाले लड़ाकों ने इस हमले को अंजाम दिया है और वह लगातार इस तरह के हमले अमेरिकी सुरक्षा बलों पर कर रहे हैं. पेंटागन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वे ईरान को इसका सही समय और उचित तरीके से जवाब देंगे.

पेंटागन के प्रेस सचिव राइडर के बयान से पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस सिलसिले में बयान दे चुके हैं. बाइडेन ने कहा था कि उन्होंने जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले का जवाब देने का फैसला कर लिया है और उसे किस तरह से अमल में लाया जाएगा, इसकी पूरी तैयारी कर भी कर ली है.

हालांकि अमेरिका के नेशनल सेक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता हैं, जॉन किर्बी, उन्होंने कहा है कि “हम एक और जंग नहीं चाहते हैं. हम इस तनातनी और संघर्ष को और बढ़ाना नहीं चाहते”. किर्बी ने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना अपनी रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगी, वह करेगी.

कुछ मीडिया रपटों में दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी सेना से एक चूक हुई जहां उन्हें इस बात का सही से अंदाजा नहीं लग पाया कि ईरान समर्थित लड़ाकों की ओर से दागा गया ड्रोन अमेरिकी सेना को निशाना बनाने के लिए है.

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