क्या दुनिया के सबसे अमीर शख्स को भी पाकिस्तान ने दिया धोखा, ये है मामला – भारत संपर्क

दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल एलन मस्क को पाकिस्तान को धोखा दे दिया है. मस्क की कंपनी Starlink को वहां कुछ अजीब हालातों का सामना करना पड़ रहा है. Starlink, एलन मस्क की कंपनी SpaceX का एक प्रोजेक्ट है, जो दुनियाभर में सैटेलाइट के जरिए तेज इंटरनेट सर्विस देने का काम करता है. इसका मकसद है ऐसे दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाना, जहां केबल या फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंच पाता.
पाकिस्तान में Starlink की एंट्री?
मार्च 2025 में पाकिस्तान सरकार ने Starlink को वहां काम करने की टेंपररी मंजूरी दी थी. इससे लग रहा था कि पाकिस्तान के लोग जल्द ही तेज सैटेलाइट इंटरनेट का फायदा उठा सकेंगे. लेकिन अब कहानी ने मोड़ ले लिया है. पाकिस्तान सरकार ने यू-टर्न मार लिया है.
हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि Starlink को अब Permanent License नहीं दिया जाएगा, जब तक वो पाकिस्तान में परमानेंट रजिस्ट्रेशन नहीं करवाती. इसके अलावा एलन मस्क की कंपनी को कुछ टेक्निकल और सिक्योरिटी टेस्ट पास करने होंगे. अगर वो नहीं करती है तो पाकिस्तान में स्टारलिंक शुरू नहीं किया जाएगा. इसका मतलब ये हुआ कि जो वादे पहले किए गए थे, वो अब अधूरे साबित हो रहे हैं.
धोखा या दबाव की राजनीति?
ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान सरकार शुरू में सिर्फ दिखावा कर रही थी, ताकि ऐसा लगे कि वो टेक्नोलॉजी के मामले में आगे बढ़ रहा है. लेकिन अब सेफ्टी और नियमों का हवाला देकर Starlink को रोका जा रहा है. वैसे ये पाकिस्तान की राजनीतिक चाल हो सकती है, ताकि विदेशी कंपनियों पर दबाव बनाया जा सके या अपनी पॉलिसी को मजबूत दिखाया जा सके.
पाकिस्तान ने पहली बार नहीं दिया धोखा
पाकिस्तान ने एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को भी पााकिस्तान में बैन किया हुआ है. पाकिस्तान ने एक्स पर आरोप लगाया है कि वहां पर हुए चुनावों में एक्स ने धांधली के बवाल खड़े हुए है. लेकिन वहां की सरकार वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) पर अपने एक्स हैंडल को चलाती है. पिछले महीने इस मामले पर वहां की हाई कोर्ट ने पाकिस्तान की सरकार को फटकार भी लगाई थी.
पाकिस्तान स्टारलिंक के टेंपररी लाइसेंस को फुल लाइसेंस में नहीं बदलना चाहता. इस लिए स्टारलिंक को टेस्ट पास करने को कहा है. पाकिस्तान के इस स्टेप से संभावना है कि स्टारलिंक को फिर से अप्लाई करना होगा.
पाकिस्तान ज्यादातर विदेशी कंपिनयों के साथ ऐसा ही करता है. पहले वो कंपनियों को अपने मुल्क में आने को कहता है. इसके बाद उन पर सिक्योरिटी और टेक्निकल अप्रूवल इतने थोप देता है कि कंपनी इन्हें पूरा नहीं कर पाती है.