क्या खत्म हो रही स्टार्टअप की लहर? Byju’s तो ‘तबाह’ हुआ ही,…- भारत संपर्क

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क्या खत्म हो रही स्टार्टअप की लहर? Byju’s तो ‘तबाह’ हुआ ही,…- भारत संपर्क
क्या खत्म हो रही स्टार्टअप की लहर? Byju's तो 'तबाह' हुआ ही, यूनिकॉर्न भी बचे हैं बस 67

बायजूस की वैल्यूएशन सबसे ज्यादा घटी

बायजूस कभी भारत के स्टार्टअप सेक्टर का सबसे ‘चमकीला’ सितारा था, लेकिन अब लग रहा है कि ना सिर्फ बायजूस बल्कि देश का पूरा स्टार्टअप सेक्टर ही अपनी चमक खो रहा है. भारत में एक के बाद एक कई स्टार्टअप कंपनियां दम तोड़ रही हैं. पूंजी की कमी, फाउंडर और इंवेस्टर्स के बीच तनाव, छंटनी इत्यादि इसके पीछे ऐसी कई वजह हैं. तभी तो देश में अब महज 67 यूनिकॉर्न बचे हैं, जिनकी संख्या एक समय में 100 से ज्यादा थी.

एक अरब डॉलर से अधिक वैल्यूएशन वाली कंपनियों को ‘यूनिकॉर्न’ कहा जाता है. दुनिया के अमीरों की लिस्ट निकालने वाली संस्था हुरुन एक ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 भी पब्लिश करती है. इसके हिसाब से 2023 में भारत के अंदर सिर्फ 67 यूनिकॉर्न बने हैं, जो पिछले साल के 68 से कम है. हालांकि राहत की एक बात है कि अमेरिका एवं चीन के बाद भारत अब भी तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हब है.

दुनिया में सबसे ज्यादा गिरी बायजूस की वैल्यूएशन

भारत की सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनी बायजूस इस समय ना सिर्फ नकदी संकट का सामना कर रही है. बल्कि उसके फाउंडर्स और इंवेस्टर्स के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है. वहीं एक के बाद एक उसके ट्यूशन सेंटर से लेकर रीजनल ऑफिस भी बंद हो रहे हैं. छंटनी भी असीमित हुई है और कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन की नेटवर्थ लगभग जीरो पर आ चुकी है.

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एडटेक कंपनी बायजूस अब यूनिकॉर्न का स्टेटस खो चुकी है. एक साल पहले बायजूस की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर से अधिक थी, लेकिन अब इसकी वैल्यूएशन इतनी गिर चुकी है कि अब ये एक अरब डॉलर से भी कम हो चुकी है. हुरुन की रिपोर्ट कहती है कि बायजूस के वैल्यूएशन में आई इस बड़ी गिरावट ने उसे दुनिया के किसी भी स्टार्टअप के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट वाली फर्म बना दिया है.

बायजूस पर टिप्पणी करते हुए हुरुन रिपोर्ट के चेयरमैन एवं चीफ रिसर्चर रूपर्ट हुगेवर्फ ने कहा कि कुछ स्टार्टअप वास्तव में नाकाम हो जाते हैं. इस दौरान वे बड़े पैमाने पर मीडिया का ध्यान भी आकर्षित करते हैं. हालांकि ऐसी कंपनियां अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं.

ये है भारत के टॉप यूनिकॉर्न

हुरुन की रिपोर्ट के मुताबिक फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी और फैंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम11 भारत की सबसे वैल्यूएबल यूनिकॉर्न हैं. इनकी कीमत आठ-आठ अरब डॉलर है. इनके बाद रेजरपे का स्थान आता है जिसका मूल्य 7.5 अरब डॉलर है. वहीं ग्लोबल लेवल पर स्विगी 83वें स्थान जबकि रेजरपे 94वें स्थान पर है.

हुरुन इंडिया के मुख्य रिसर्चर अनस रहमान जुनैद ने कहा कि 1,453 यूनिकॉर्न की सूची में भारतीय कंपनियों की संख्या में कुल गिरावट शेयर मार्केट में अच्छे लाभ के बावजूद स्टार्टअप सेगमेंट में निवेश की कमी को दर्शाता है.

भारत के को-फाउंडर्स के बीच विदेश में कंपनी शुरू करने का ट्रेंड बढ़ा है. देश के बाहर भारतीय फाउंडर्स ने 109 यूनिकॉर्न शुरू किए, जबकि देश के भीतर उनकी संख्या 67 रही.

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