यूं ही कोई विराट नहीं बन जाता…करियर ऐसा की दुनिया झुक जाए, जानिए चीकू कैस… – भारत संपर्क

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यूं ही कोई विराट नहीं बन जाता…करियर ऐसा की दुनिया झुक जाए, जानिए चीकू कैस… – भारत संपर्क

विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा. (फोटो-PTI)
रोहित शर्मा के बाद टीम इंडिया के सबसे अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली अब कभी सफेद जर्सी नहीं पहनेंगे. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है. ऐसे में इंग्लैंड दौरे के लिए BCCI को विराट कोहली का विकल्प खोजना होगा. साल 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले इस बल्लेबाज ने क्रिकेट की एक नई परिभाषा ही रच दी थी. रन मशीन और चेज मास्टर के नाम से मशहूर विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी है, लेकिन विराट के इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत है. उनकी चीकू से चेज मास्टर बनने की कहानी काफी दिलचस्प है.
9 साल की उम्र से ही खेलना शुरू किया क्रिकेट
दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 5 नवंबर 1988 को विराट कोहली का जन्म हुआ था. कोहली ने 9 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. जिसका उनके पिता प्रेम कोहली और मां सरोज कोहली ने पूरा समर्थन दिया. 2006 में विराट के पिता का निधन हो गया, लेकिन वह अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे. उनकी मां ने भी उनका बखूबी साथ दिया.

कैसे की क्रिकेट करियर की शुरुआत
विराट कोहली को साल 2002 में सबसे पहले दिल्ली की अंडर-15 टीम से खेलने का मौका मिला. इस दौरान उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने अंडर-19 में भी अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया. इसके बाद 2008 में उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया. उनकी शानदार कप्तानी और बल्लेबाजी के दम पर टीम इंडिया ने अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया. इसका पुरस्कार भी कोहली को मिला इसी साल उन्हें वनडे में डेब्यू करने का मौका मिल गया और यहीं से शुरू हुआ चीकू से चेज मास्टर बनने का सफर.
श्रीलंका के खिलाफ का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू
साल 2008 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया. कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक साल 2009 में श्रीलंका के खिलाफ ही बनाया. इसके बाद तो उन्होंने शतकों की झड़ी लगा दी. उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर 2011 वर्ल्ड कप के लिए टीम में जगह पक्की कर ली. इस टूर्नामेंट में उन्होंने बल्ले से कई उपयोगी पारियां खेली. जिसकी वजह से भारत वर्ल्ड चैंपियन बना था. उनके शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें सफेद जर्सी के रूप में मिला.
2011 में मिली सफेद जर्सी
वनडे में विराट कोहली बल्ले से खूब रन बना रहे थे, जिसका इनाम उन्हें टेस्ट क्रिकेट के रूप में मिला. उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिला. इसके बाद तो वह लगातार 14 सालों तो टेस्ट क्रिकेट में अपनी बल्ले की धमक जमाए रखी. इस दौरान 123 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की ओर से खेली. उन्होंने इन मैचों में 46.85 की औसत के साथ 9,230 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए हैं. टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली का उच्चतम स्कोर नाबाद 254 रन रहा है. इस दौरान उनके बल्ले से लगातार रन निकल रहे थे.

2014 में मिली टेस्ट टीम की कप्तानी
विराट कोहली लगातार सफलता के शिखर चढ़ते जा रहे थे. इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी. इसके बाद विराट को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया. वह भारत के अब तक के सबसे सफल कप्तान हैं. उन्होंने 2022 तक टीम इंडिया की कप्तानी की. इस दौरान उन्होंने 68 मैचों में से 40 में टीम को जीत दिलाई थी. कोहली की ही कप्तानी में टीम इंडिया ने 2018-19 में पहली बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती थी. उन्होंने 11 घरेलू टेस्ट में कप्तानी की और सभी जीते. बतौर कप्तान उन्होंने 10 शतक लगाए हैं. इसके अलावा उनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला था. इसमें न्यूजीलैंड के हाथों टीम इंडिया को हार मिली थी.
2017 में बने तीनों प्रारूपों के कप्तान
साल 2017 में विराट कोहली को तीन प्रारूमों में कप्तान बनाया गया. इस दौरान उन्होंने कोई आईसीसी ट्रॉफी तो नहीं जीती, लेकिन टीम को कई ऐतिहासिक सीरीज में जीत दिलाई. उन्होंने 95 वनडे मैचों में टीम की कप्तानी की, जिसमें से 65 में टीम को जीत मिली. उनका जीत का प्रतिशत 70.43 था. इस अद्भुत रिकॉर्ड के दौरान किंग कोहली ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए, जो हमेशा आगे के कप्तानों के लिए चुनौती रहेंगे और शायद कभी न टूटे.

वनडे में बनाया सबसे ज्यादा शतक
विराट कोहली ने वनडे में सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं. वनडे में वह अब तक 51 शतक लगा चुके हैं. इस मामले वह सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया है. हालांकि शतकों का शतक लगाने के मामले में वह सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड अभी तक नहीं तोड़ पाए हैं. सचिन तेंदुलकर के नाम वनडे में 49 शतक है.
टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद ले ली रिटायरमेंट
पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप से संन्यास ले लिया था. टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में उन्होंने दक्षिण अफीका के खिलाफ शानदार अर्धशतकीय पारी खेली थी, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था. उन्होंने 125 टी20 मैचों में 48.69 की औसत से 4188 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और 38 अर्धशतक शामिल है.
यह रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ सकता
किंग कोहली टेस्ट क्रिकेट में भारत के सफल कप्तानों में से एक हैं. टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करते हुए विराट ने 5864 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 20 शतकीय पारी भी खेली है. कोहली से ज्यादा टेस्ट में कप्तानी करते हुए और किसी भी भारतीय खिलाड़ी ने इतना रन नहीं बनाया है. इसके अलावा उन्होंने SENA के खिलाफ उनके घर में खूब रन बनाए हैं. विराट कोहली साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाले पहले एशियन कप्तान हैं. विदेशी धरती पर उन्होंने 36 मैचों में से 16 में जीत दर्ज की है, जबकि 15 में उन्हें हार मिली है. 5 मैच ड्रॉ रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा डबल सेंचुरी लगाने का रिकॉर्ड भी विराट के ही नाम है. विराट कोहली ने कप्तान के तौर पर टीम इंडिया के लिए कुल 7 बार 200 या उससे अधिक रनों की पारी खेली है.

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