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ज्येष्ठ मास शुरू:गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी व वट सावित्री व्रत का संयोग,11 जून तक रहेगा जेठ, चरम पर होगी गर्मी
कोरबा। ज्येष्ठ माह का शुभारंभ हो चुका है। इस माह गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी और वट सावित्री व्रत सहित अन्य पर्वों का संयोग होगा। भगवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी होगी। इस माह में जल दान का विशेष महत्व है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ज्येष्ठ माह 11 जून तक चलेगा। इस माह गर्मी अपने चरम पर होती है। अत: जल का दान करना विशेष फलीदायी माना गया है। मान्यता है कि इस महीने में किया गया जल दान कई जन्मों तक शुभ फल प्रदान करता है। इसके साथ ही इस माह में व्रत-त्योहारों के साथ अनेक महापुरुषों की जयंतियां भी मनाई जाएंगी। ज्येष्ठ माह में चार मंगलवार 20 व 27 मई एवं 3 व 10 जून का भी संयोग होगा। मंगलवार को किया गया दान, प्यासे को जल पिलाने, शरबत वितरण, अन्न सेवा सहित अन्य कार्यों का विशेष फल मिलेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार ज्येष्ठ माह भगवान की आराधना और दान पुण्य के लिए विशेष माना गया है। खासकर इस माह में जल का दान, सत्तू दान का विशेष महत्व है। इस माह में ताप बहुत अधिक रहता है, इसलिए इस माह में जल संरक्षण करने का भी विशेष महत्व है। 26 मई को सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत करेंगी। शास्त्रों में वट वृक्ष की शाखाओं को देवी सावित्री का रूप माना गया है। इनमें ब्रह्मा, शिव, विष्णु के साथ स्वयं सावित्री भी निवास करती हैं। इस व्रत को महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए भी करती हैं। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष की अक्षत, पुष्प, चंदन, ऋतुफल, पान व सुपारी से पूजा करेंगी। वट सावित्री व्रत के दिन बरगद और पीपल की पूजा करने से शनि, मंगल और राहू के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि सनातन मान्यतानुसार, ज्येष्ठ माह में दान करना पुण्य कार्य माना जाता है। गर्मी में राहगीरों को पानी पिलाने से देवी-देवता और पितरों का आशीर्वाद मिलता है। पशु-पक्षियों के लिए पानी रखा जाता है। ज्येष्ठ माह में तांबा और तिल का दान करना चाहिए। इस माह में इन चीजों का दान करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ माह में सत्तू का सेवन करना सेहत के लिए लाभकारी होता है।
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प्रमुख व्रत-त्योहार
20 मई- मासिक कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
23 मई- अपरा एकादशी
24 मई- शनि प्रदोष व्रत
25 मई- मासिक शिवरात्रि
26 मई-वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
27 मई- शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत
29 मई-महाराणा प्रताप जयंती
30 मई- विनायक चतुर्थी
1 जून- स्कन्द षष्ठी
3 जून- धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
4 जून- महेश नवमी
5 जून- गंगा दशहरा
6 जून- निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
8 जून-प्रदोष व्रत
10 जून-वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
11 जून-ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान, कबीरदास जयंती।