कानपुर: न स्ट्रेचर मिला, न वार्ड बॉय ने हाथ लगाया… पिता को गोद में उठाकर … – भारत संपर्क
अस्पताल के अंदर पिता को गोद में लिए बेटा.
कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल का एक वीडियो सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं की पोल खोलकर रख दी है. वीडियो में साफ दिखाई पड़ रहा है कि चलने-फिरने में लाचार पिता को गोद में लेकर उसका बेटा अस्पताल की गैलरी में दौड़ रहा है, लेकिन अस्पताल के कर्मचारी उसे स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं करा पाए. यही नहीं किसी वार्ड बॉय ने हाथ तक नहीं लगाया. यह पूरी घटना तब हुई, जब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी शर्मा खुद मेडिकल कॉलेज में मौजूद थे.
यूपी का स्वास्थ्य महकमा चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के लाख दावे भले ही कर रहा हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. मंगलवार को जब जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की टीबी लैब का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा निरीक्षण कर रहे थे, तभी उनके ही सामने एक बेटा अपने बीमार पिता को गोद में उठाकर लैब में जांच कराने ले जा रहा था.
प्रमुख सचिव कर रहे थे निरीक्षण
अधिकारियों को देख वह थोड़ा रूका. जब प्रमुख सचिव थोड़ा हटे तो वह लैब तक पिता को गोद में उठाकर ले गया. हैरत की बात यह रही कि प्रमुख सचिव मौके पर कोई एक्शन लेते नजर नहीं आए. प्रमुख सचिव बस उनको देखते रहे, जबकि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने मरीज को पास में रखी बैंच में लिटवाया और अपने कर्मचारियों से स्ट्रेचर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
घुटने में दर्द से चल-फिर नहीं पा रहा था पिता
शुक्लागंज निवासी श्याम सुंदर (70) घुटने में दर्द की वजह से चल पाने में असर्मथ थे. मंगलवार को श्याम सुंदर को दिखाने के लिए बेटा अरविंद लाला लाजपत राय अस्पताल लेकर आया था. अरविंद ने बताया कि घुटने के दर्द का इलाज एक डॉक्टर से चल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी हालत खराब होती चली गई. पिछले 20 दिन से पिता ने खाना-पीना भी छोड़ दिया. उनके हाथ-पैर भी काम नहीं कर रहे थे.
घंटों लाइन में लगा रहा, तब OPD में लगा नंबर
अरविंद ने बताया कि वह घंटों लाइन में लग रहा. ओपीडी में डॉक्टर हरेंद्र को दिखाया. जब उसने पिता को भर्ती करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद उनकी एचआईवी जांच करने को कहा गया. वह पिता को गोद में लेकर जांच के लिए इधर-उधर पूछते-पूछते मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां पर जांच लैब के पास ही प्रमुख सचिव और प्राचार्य निरीक्षण कर रहे थे. इस दौरान वहां पर मौजूद किसी शख्स ने यह वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया.