आईटीआर फाइल करने से पहले जान लें ज्वाइंट होम लोन के फायदे,…- भारत संपर्क
होम लोन Image Credit source: Freepik
आईटीआर फाइलिंग शुरू हो चुकी है. कुछ लोग अपना रिटर्न फाइल कर लिए होंगे तो कई अभी भी इस इंतजार में हैं कि समय मिले तो आईटीआर फाइल किया जाए. हालांकि उन लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जो टैक्स सेविंग के विकल्प तलाशने में लगे हैं. अगर आपने होम लोन ले रखा है तो आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताने वाले हैं, जिसकी मदद से आप 7 लाख रुपए की टैक्स सेविंग कर सकते हैं.
ऐसे मिलेगा लाभ
अगर आपने ज्वाइंट होम लोन ले रखा है तो आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C और सेक्शन 24(b) के तहत टैक्स बेनिफिट्स के लिए क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80C के अनुसार, प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स कटौती मिलती है. साथ ही, सेक्शन 24(b) के तहत पति-पत्नी दोनों को 2 लाख रुपए तक के होम लोन ब्याज पर टैक्स क्लेम मिलता है. इस तरह एक आवेदक लोन के प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज पर अधिकतम 3.50 लाख रुपए तक की टैक्स छूट का दावा कर सकता है. ज्वाइंट होम लोन के मामले में दोनों मिलकर अधिकतम 3.50-3.50 लाख रुपए यानी कुल 7 लाख रुपए तक की बचत कर सकते हैं.
क्या है शर्त?
होम लोन में अधिकतम 7 लाख रुपए तक की टैक्स छूट केवल तभी मिलेगी जब दोनों टैक्सपेयर्स प्रॉपर्टी के को-ऑनर हों और लोन के डॉक्यूमेंट्स में भी को-बॉरोअर के रूप में रजिस्टर्ड हों. साथ ही EMI का भुगतान भी दोनों की तरफ से किया जाना चाहिए. यदि प्रॉपर्टी के पेपर्स में मालिक की हैसियत से रजिस्टर्ड होने के बावजूद, लेकिन होम लोन के पेपर्स में आपका नाम को-बॉरोअर के रूप में शामिल नहीं है, तो आपको इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा.
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क्या है इसका मतलब?
को-बॉरोअर होने का मतलब है कि आप और आपका साथी दोनों लोन के रिपेमेंट के लिए जिम्मेदार हैं. कई बार लोगों को क्रेडिट स्कोर, कम इनकम, या अन्य कारणों से लोन की मंजूरी में दिक्कत होती है. इस स्थिति में, जॉइंट होम लोन उनकी सहायता कर सकता है. इसमें, दूसरे व्यक्ति को आवेदक के रूप में जोड़कर लोन के लिए योग्यता में वृद्धि होती है. अगर जॉइंट लोन में जुड़े दूसरे व्यक्ति की भुगतान करने की क्षमता अच्छी है, तो लोन आसानी से मिल जाता है.