दोस्ती, प्रेम, धोखा और फिर दुश्मनी… जानें गैंगस्टर चंदन मिश्रा के मर्डर…


गैगस्टर चंदन मिश्रा का मर्डर
बिहार की राजधानी पटना के निजी अस्पताल पारस हॉस्पिटल में शुक्रवार सुबह कुख्यात गैंगस्टर और हत्या के दोषी चंदन मिश्रा की अस्पताल के वार्ड में घुसकर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. चंदन मिश्रा की हत्या ने बिहार की सियासत को हिलाकर रख दिया. हत्या के 48 घंटे के अंदर बिहार STF और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ उर्फ बादशाह को कोलकाता के न्यू टाउन इलाके से गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में कुल मिलाकर 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस बीच, रविवार को कोलकाता से गिरफ्तार पांचों आरोपियों को पुलिस ने अलीपुर कोर्ट में पेश किया. बिहार पुलिस ने उसे दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर बिहार ले जाने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. उसकी 22 तारीख को पटना कोर्ट में पेशी होगी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह हत्या एक पूर्व नियोजित गैंगवार का हिस्सा थी, जिसमें चंदन मिश्रा के पुराने साथी शेरू सिंह का भी नाम सामने आ रहा है, जिसने पुरुलिया सेंट्रल जेल से हत्या की साजिश रची थी.
चंदन मिश्रा मूल रूप से बक्सर का रहने वाला था. वह हत्या, रंगदारी और आपराधिक षड्यंत्र के कई मामलों में आरोपी था. वर्ष 2021 में एक स्थानीय युवक की हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी. वह वर्तमान में पटना के बेऊर जेल में बंद था और स्वास्थ्य कारणों से कोर्ट के आदेश पर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था.
वारदात के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. सुरक्षा में भारी चूक के आरोप में एक सब-इंस्पेक्टर, दो एएसआई और दो कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि चंदन मिश्रा की सुरक्षा में लगे जवान घटनास्थल से दूर बैठे थे और हमलावरों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई.
दोस्ती से धोखा तक… हत्या के पीछे की कहानी
पुलिस जांच के दौरान यह सामने आया है कि चंदन मिश्रा की हत्या के पीछे दोस्ती, प्रेम, धोखा और दुश्मनी की कहानी है. हत्या का आरोप चंदन के कभी करीबी दोस्त रहे शेरू सिंह उर्फ ओंकारनाथ सिंह पर लगाया जा रहा है. पहले दोनों ही दोस्त थे और उनकी दोस्त की अपराध की दुनिया में मिसाल दी जाती थी.
लेकिन चंदन और शेरू के बीच बखरा (रंगदारी) को लेकर मतभेद पैदा हुआ. वहीं से दो समान विचारधारा वाले दोस्तों के बीच दुश्मनी शुरू हो गई. बिहार के बक्सर जिले में कभी आतंक मचाने वाले दो गैंगस्टर अलग हो गए और उन्होंने एक गिरोह बना लिया और दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो गई. लड़ाई का कारण केवल रंगदारी की रकम नहीं थी, इसके अतिरिक्त उनके बीच विवाद का कारण प्रेम, संदेह और विश्वासघात जैसे मुद्दे भी थे.
और यही कारण है कि हाल ही में पुरुलिया जेल में बंद शेरू चंदन की हत्या करने के लिए आतुर हो गया. माना जा रहा है कि इसी रंजिश के चलते पिछले गुरुवार को बिहार के पटना स्थित एक अस्पताल में इलाज करा रहे चंदन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिन अपराधियों को शेरू की हत्या की सुपारी दी गई थी, वे पटना के एक अस्पताल में इलाज करा रहे गैंगस्टर की हत्या करने के बाद बंगाल भाग गए.
बक्सर के इलाके में चलता था चंदन और शेरू का राज
पुरुलिया और राज्य पुलिस के विभिन्न सूत्रों के अनुसार, चंदन की हत्या वास्तव में दो गैंगस्टरों के बीच प्रतिद्वंद्विता का परिणाम थी. पुलिस ने बताया कि चंदन और शेरू 2008 से बिहार की आपराधिक दुनिया में अपना नाम बना रहे हैं. दोनों दोस्तों की दुनिया बक्सर जिले के इर्द-गिर्द घूमती थी. रंगदारी, सुपारी पर हत्या, डकैती, अपहरण आदि सहित विभिन्न अपराधों के माध्यम से बिहार की अंधेरी दुनिया में उनकी कुख्याति फैली.
घटना 2011 की है. चंदन-शेरू पर आरोप था कि उन्होंने उसी साल 21 अगस्त को मांगी गई रकम न देने पर बक्सर के चूना व्यापारी राजेंद्र किशोरी की सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना से बिहार में भारी हंगामा हुआ. इसके बाद दोनों नेपाल में छिप गए. नेपाल में एक वर्ष बिताने के बाद दोनों चुपचाप कोलकाता लौट आए. गुप्त सूत्र से समाचार मिलने के बाद पुलिस बंगाल आई और 2012 में दोनों गैंगस्टर को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि जेल में भी चंदन और शेरू को अपराध से दूर नहीं रखा जा सका. कथित तौर पर वे जेल से गिरोह चला रहे थे.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शेरू और चंदन के बीच बखरा के हिस्से को लेकर काफी झगड़ा हुआ था. यहां तक कि जेल में भी दो बार उसकी पिटाई की गई. इसके बाद दोनों गैंगस्टर अपने-अपने रास्ते चले गए, चंदन और शेरू ने अलग-अलग गिरोह बनाकर बिहार की धरती पर विभिन्न कुकृत्यों को अंजाम देना शुरू कर दिया.
चंदन की चचेरी बहन से प्यार करता था शेरू, नाराज था चंदन
एक साथ अब में काम करना संभव नहीं था, इसलिए दोनों अकेले अपराध को अंजाम देने लगे, हालांकि झगड़ा तो रुक गया, लेकिन विवाद हल नहीं हुआ. चंदन को पता चलता है कि शेरू उसकी चचेरी बहन से प्यार करता है. यह सुनकर चंदन मिश्रा क्रोधित हो गया. एक पुलिस अधिकारी के शब्दों में, “चंदन ने शेरू को अपना मित्र माना, लेकिन, चंदन जैसे रूढ़िवादी व्यक्ति के लिए यह स्वीकार करना कठिन है कि निचली जाति का व्यक्ति उसके परिवार की बेटी के साथ संबंध बना रहा है. इसका परिणाम था दुश्मनी.
शेरू को एक आभूषण की दुकान में डकैती के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और वह अब पुरुलिया जेल में है, लेकिन वह हमेशा चंदन की तलाश में रहता है. शेरू को आश्चर्य होता था कि आजीवन कारावास की सजा पाए चंदन सोशल मीडिया पर कैसे सक्रिय है. वास्तव में, चंदन के नाम से फेसबुक प्रोफाइल से कभी-कभी विभिन्न रील पोस्ट की जाती है. शेरू को लगने लगता है कि उसका पूर्व मित्र जेल में रहते हुए भी बिहार पुलिस में उसकी सांठगांठ है.
चंदन के पैरोल पर रिहा होने पर बौखला गया था शेरू
दरअसल, चंदन को शारीरिक कारणों का हवाला देते हुए 15 दिनों के पैरोल पर रिहा किया गया था. दूसरी ओर, शेरू ने भी पैरोल के लिए आवेदन किया, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया है. इन सब घटनाओं के कारण शेरू का चंदन के प्रति गुस्सा और बढ़ गया.
बिहार सरकार ने बक्सर में अपराध और हिंसा पर अब काफी हद तक नियंत्रण पा लिया है, लेकिन शेरू और चंदन के बीच भी संघर्ष जारी था. शेरू के गिरोह को लगने लगा कि भले ही चंदन के साथियों को पकड़कर जेल में डाल दिया गया है, लेकिन पुलिस उसके आदमियों को मुठभेड़ में मार रही है. दरअसल, शेरू को पूरा शक था कि चंदन पुलिस के साथ मिलीभगत करके उसके गिरोह को नुकसान पहुंचा रहा है.
पुलिस का कहना है कि कि इन घटनाओंने शेरू के मन में चंदन के प्रति तीव्र क्रोध और ईर्ष्या पैदा कर दी. इसलिए, पुरुलिया सेंट्रल जेल में बैठकर उसने चंदन की हत्या की एक सटीक योजना बनाई, जिसका पटना के पारस अस्पताल में इलाज चल रहा था. 10 लाख की सुपारी दी गई थी और फिर चंदन मिश्रा की हत्या कर दी गई.