7 साल बाद कुलदीप की वापसी, धर्मशाला में अर्धशतक पक्का! | Kuldeep yadav retu… – भारत संपर्क

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7 साल बाद कुलदीप की वापसी, धर्मशाला में अर्धशतक पक्का! | Kuldeep yadav retu… – भारत संपर्क

कुलदीप यादव ने धर्मशाला में ही किया था टेस्ट डेब्यू. (AFP Photo)
भारतीय क्रिकेट टीम हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच खेलेगी. ये मैच 7 मार्च से शुरू होगा. सीरीज तो टीम इंडिया पहले ही अपने नाम कर चुकी है. पहला मैच हारने के बाद टीम इंडिया ने लगातार तीन मैच खेले और जीत हासिल करते हुए 3-1 के अजेय बढ़त ले ली है. अब धर्मशाला में टीम इंडिया इस स्कोर लाइन को 4-1 करना चाहेगी. इस मैदान पर अभी तक एक ही टेस्ट मैच खेला गया और उस मैच में भारत को जीत मिली थी. उस मैच में कुलदीप यादव ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था. अब इसी मैदान पर कुलदीप अपने करियर की एक अहम सीढ़ी चढ़ने के करीब खड़े हैं.
25 मार्च से धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ स्टेडियम में साल 2017 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच खेला गया था. उस मैच में कुलदीप ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था. उस मैच में कुलदीप ने पहली पारी में चार विकेट लिए थे. इस मैच की दूसरी पारी में कुलदीप को हालांकि विकेट नहीं मिले थे. लेकिन कुलदीप ने बता दिया था कि उनमें प्रतिभा की कमी नहीं हैं.
जमाएंगे अर्धशतक!
अब सात साल बाद कुलदीप इसी मैदान पर वापसी कर रहे हैं और अपने करियर में एक अहम मुकाम हासिल करने के करीब हैं. ये किसी भी गेंदबाज के करियर में विकेटों के लिहाज से पहला बड़ा मुकाम होता है. कुलदीप के अभी तक टेस्ट में 46 विकेट हैं. वह टेस्ट में विकेटों का अर्धशतक पूरा करने से चार विकेट दूर हैं. अगर कुलदीप इस मैच में अपने चार विकेट ले लेते हैं तो 50 विकेट पूरे कर लेंगे. कुलदीप का ये 12वां टेस्ट मैच होगा. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में वैसे भी कुलदीप ने शानदार गेंदबाजी की है. उन्होंने तीन मैचों में 12 विकेट अपने नाम किए. हर मैच में चार विकेट उनके हिस्से आए हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो कुलदीप का इस मैच में अपने 50 टेस्ट विकेट पूरे करना पक्का लग रहा है.
कम खेले टेस्ट
कुलदीप के टेस्ट करियर को देखा जाए तो, सात साल में उन्होंने अभी तक सिर्फ 11 मैच ही खेले हैं. सात साल में देखा जाए तो खिलाड़ी तकरीबन 40-50 टेस्ट मैच आराम से खेल सकता है लेकिन कुलदीप बेहतरीन टैलेंट होने के बाद भी सिर्फ 11 टेस्ट मैच खेल पाए हैं. इसका कारण टीम इंडिया में बढ़ती प्रतिद्वंदिता है. टीम के पास कई शानदार स्पिनर हैं. इसमें रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा बहुत बड़े नाम हैं. विदेशों में जब भारतीय टीम खेलती है तो फिर इन दोनों में से कोई एक खेलता है. लेकिन भारत में जब टेस्ट मैच होते हैं तो टीम इंडिया तीन स्पिनरों के साथ उतरती है और तब अश्विन, जडेजा के साथ कुलदीप हुआ करते थे लेकिन अक्षर पटेल के आने के बाद कुलदीप का पत्ता कट गया. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भी अक्षर के चोटिल होने के बाद कुलदीप को मौका मिला है.

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