लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी या अजय दास, कौन है किन्नर अखाड़े का असली बॉस? ममता … – भारत संपर्क
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किन्नरे अखाड़े की मुखिया लख्मी नारायण त्रिपाठी और संस्थापक अजय दास
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में वैसे तो हमेशा ही जूना अखाड़ा चर्चा में रहता है, लेकिन इस बार सर्वाधिक चर्चा किन्नर अखाड़े की हो रही है. यह चर्चा भी बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रही ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने को लेकर है. इस अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को महामंडलेश्वर बनाया. इसके तीन दिन बाद ही किन्नर अखाड़े के संस्थापनक अजय दास ने ममता कुलकर्णी के साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी बहिष्कृत कर दिया.
हालांकि अब लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अजय दास के इस फैसले पर सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने पूछा है कि अजय दास किस अधिकार से उन्हें अखाड़े से बाहर कर सकते हैं. उन्हें तो वह खुद साल 2017 में अखाड़े से बाहर कर चुकी है. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के इस सवाल के साथ ही एक दूसरा सवाल भी उठ खड़ा हुआ है कि आखिर इस अखाड़े का असली बॉस है कौन? इस प्रसंग में हम इसी सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे.
कौन हैं आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी?
इससे पहले हम लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अजय दास के बारे में जान लेते हैं. साल 1979 में महाराष्ट्र के ठाणे में पैदा हुई लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी टीवी कलाकार रही हैं. वह भरतनाट्यम की मशहूर नर्तकी हैं और किन्नर समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं. वह बिगबॉस सीजन 5 के अलावा टीवी शो सच का सामना, दस का दम और राज पिछले जनम का में भी नजर आईं. साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र में एशिया का प्रतिनिधित्व करने वाली वह पहली ट्रांसजेंडर भी हैं.
कौन हैं किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास?
किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास हमेशा से विवादों में रहे हैं. पहली बार साल 2015 में उन्होंने उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ कुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े का गठन कर सुर्खियों में आए थे. वह खुद तो किन्नर नहीं हैं, लेकिन उन्हें किन्नरों का सबसे बड़ा पैरोकार माना जाता है. उन्होंने खुद ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनाया. हालांकि बाद में विवाद हुआ तो दो साल बाद ही साल 2017 में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें अखाड़े से बहिष्कृत कर दिया था. अजय दास की एक किताब विवाह एक नैतिक बलात्कार भी खूब चर्चा में रही है.
कौन होगा किन्नर अखाड़े का हेड?
आइए अब मूल सवाल पर चलते हैं. सवाल यह है कि किन्नर अखाड़े का असली बॉस कौन है? इस सवाल का साफ तौर पर जवाब देने से जूना अखाड़ा भी परहेज कर रहा है. जबकि किन्नर अखाड़े का संचालन जूना अखाड़े के ही अधीन किया जाता है. श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के प्रवक्ता और महामंडलेश्वर नारायण गिरी कहते हैं कि उन्हें इस सवाल का जवाब देना उचित नहीं है. ऐसे में इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए अब एक बार फिर से इस अखाड़े का विधान देखना होगा.
जूना अखाड़े में लक्ष्मी को ही माना गया असली बॉस
अजय दास ने भले ही किन्नर अखाड़े का गठन किया, लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के साथ ही अखाड़े के सभी अधिकार लक्ष्मी के पास आ गए थे. इन्हीं अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए लक्ष्मी त्रिपाठी ने अजय दास को ना केवल अखाड़े से बाहर कर दिया, बल्कि महाकुंभ के दौरान जूना अखाड़े के साथ एक एग्रीमेंट कर इस अखाड़े को जूना अखाड़े के अधीन कर दिया. ऐसे में जूना अखाड़े के दस्तावेजों में इस अखाड़े का असली बॉस लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को ही माना गया है. हालांकि अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने इस एग्रीमेंट को ही चैलेंज कर दिया है.