जल स्रोतों की सफाई जारी रहे, ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को सफल बनाएं CM मोह… – भारत संपर्क
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में जल स्रोतों के सफाई अभियान को 30 जून के बाद भी जारी रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से लेकर 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान उत्सव के रूप में मनाया गया. इस दौरान पुरानी बावड़ियां अस्तित्व में आईं. जल स्रोतों की सफाई भी की गई. अब इसकी उपयोगिता को देखते हुए उन्होंने आगे भी बाकी बचे कार्यों को चिन्हित करने और उसे पूरा करने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि ऐसे स्थान जहां पानी मिला है, उनका उपयोग भी हो जाए. साथ ही रोजगार की दृष्टि से मत्स्य पालन या अन्य गतिविधियां भी संचालित की जाएं. सैडमेप के सहयोग से ऐसी जल संरचनाओं, जहां भूमिगत जल कम हो गया है उसे उपयोगी बनाने से संबंधित अध्ययन और सर्वे किया जाए. जनपद पंचायतें ऐसे जल स्रोतों को प्रभावी बनाने का कार्य करें.
‘एक पेड़ मां के नाम’ के लिए जिलावार लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के आव्हान पर प्रारंभ अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ को सफल बनाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह पौधारोपण का सामान्य अभियान नहीं है. इसे कर्मकांड न समझा जाए बल्कि आमजन का अभियान बनाने का प्रयास किया जाए. जिलावार तय किए गए लक्ष्य पूरे किए जाएं. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने निर्देश दिए कि आमजन को जोड़ने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 15 जुलाई तक निरंतर अभियान चले. अभियान को पंचायतों तक ले जाएं. पौधे लगाने के बाद उनकी सुरक्षा भी हो, यह सुनिश्चित किया जाए.
शहर हो या गांव, सभी जगह जल संरक्षण के कार्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल गंगा संवर्धन अभियान में संपन्न कार्यों की अपर मुख्य सचिव मलय कुमार श्रीवास्तव और नगरीय क्षेत्र में संचालित जल संरक्षण कार्यों के संबंध में प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने विस्तारपूवर्क जानकारी दी. वन क्षेत्र में हुए कार्यों और आगामी योजनाओं के संबंध में अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल ने अवगत करवाया।
उन्होंने बताया कि जनता की भागीदारी से ये अभियान संपन्न कराया गया है. प्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकाय में विशेष जल सम्मेलन बुलाए गए. जल संरचनाओं के आसपास से अतिक्रमण हटाने का कार्य किया गया. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अभियान में करीब सवा दो लाख नागरिकों ने श्रमदान कर जल संरचनाओं में लगभग 30 लाख घनमीटर क्षमतावर्धन का कार्य किया. अमृत 2.0 योजना के तहत जल संरचनाओं के कार्यों की समीक्षा की गई.
इन जिलों ने दिया कार्यों का विवरण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को आज की वीडियो कांफ्रेंस में सिंगरौली, छतरपुर, झाबुआ, दमोह, रायसेन, दतिया, खंडवा, जबलपुर, अशोक नगर और इंदौर कलेक्टर्स ने जल गंगा संवर्धन अभियान की गतिविधियों की जानकारी दी. सिंगरौली जिले में करीब चार हजार कार्य किए गए. छतरपुर में चंदेल कालीन तालाबों के जीर्णोंद्धार के कार्य हो रहे हैं. झाबुआ में 195 टैंक के गहरीकरण का कार्य किया गया. दमोह में करीब एक हजार बावड़ियां हैं, इनके चिन्हांकन और सीमांकन के साथ जल कुम्भी निकाल कर स्वच्छ बनाने का कार्य किया गया है. रायसेन में 58 अमृत सरोवर तैयार हुए हैं.
दतिया में प्रमुख जल सीता सागर से दो हजार डम्पर गाद निकाली गई. खंडवा के चार एतिहासिक कुंड के पुनर्जीवन का कार्य किया गया. जबलपुर में करीब दौ साल पुरानी बावड़ी के कायाकल्प में सफलता मिली. अशोक नगर में गणेश शंकर ताल और मुंगावली में तालाब के गहरीकरण के कार्यों में जनसहयोग प्राप्त हुआ. इसी तरह इंदौर जिले में शहरों और गांवों में जल स्रोतों को बचाने और उपयोग में लेने के संबंध में लोगों में चेतना बढ़ी है.
इस बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला और राघवेंद्र कुमार सिंह, सचिव भरत यादव उपस्थित थे. पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना जबलपुर से वर्चुअली जुड़े.