पहचान चोरी करके लिया Loan, रिकवरी एजेंट ने किया फॉलो तो समझ आया माजरा – भारत संपर्क

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पहचान चोरी करके लिया Loan, रिकवरी एजेंट ने किया फॉलो तो समझ आया माजरा – भारत संपर्क
पहचान चोरी करके लिया Loan, रिकवरी एजेंट ने किया फॉलो तो समझ आया माजरा

आइडेंटी चोरी

Identity Theft: अभी तक केवल साइकिल, बाइक और कार सहित बेशकीमती चीजों की ही चोरी हुआ करती थी, लेकिन हाल ही में आइडेंटी चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार एक व्यक्ति के नाम और पते पर शातिर स्कैमर्स ने बिना पता चले फिनटेक कंपनी से लोन ले लिया. जब इस लोन की किस्त समय पर नहीं चुकी तो रिकवरी एजेंट ने उस व्यक्ति को फॉलो करना शुरू किया. तब कहीं जाकर उस व्यक्ति को पता चला कि उसने नाम और पते पर किसी ने फर्जी लोन ले लिया है.

आइडेंटी चोरी करने का ये एकलौता मामला नहीं है. देशभर में ऐसे कई मामले है. एक दूसरे मामले में मुंबई में रहने वाले एक हाऊस मेकर को अपनी आइडेंटी चोरी होने की तब जानकारी हुई, जब उसके पास 1.3 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी सेल करने के एवज में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का टैक्स का नोटिस आया. इसके बाद महिला को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) में लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी और आखिर में साबित हुआ कि महिला के पैन कार्ड की डिटेल चोरी करके किसी ने फर्जीवाड़ा किया है.

इस देश में हुई सबसे ज्यादा आइडेंटी चोरी

आइडेंटिटी फ्रॉड रिपोर्ट के अनुसार 2022 में सबसे ज्यादा आइडेंटी चोरी के मामले भारत में दर्ज हुए थे, जिसमें 27.2 मिलियन पीड़ित थे. दूसरे नंबर पर अमेरिका 13.5 मिलियन पीड़ित और तीसरे नंबर पर जापान 3 मिलियन पीड़ित के साथ था. वहीं 2023 में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र में डीपफेक टेक्नोलॉजी से धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं.

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क्या है आइडेंटी चोरी?

आइडेंटी चोरी तब होती है जब साइबर अपराधी आम लोगों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे पासवर्ड, पैन, आधार और फाइनेंशियल डिटेल चुरा लेते हैं और इन क्रेडेंशियल्स का मिसयूज करके लोन, ऑनलाइन सेल और दूसरे गैर कानूनी कामों में यूज करते हैं. फ्यूचर शिफ्ट लैब्स के सह-संस्थापक और AI और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सागर विश्नोई के अनुसार पहचान चोरी का इतिहास सदियों पुराना है, जो कि डिजिटल युग में साइबर अपराध हो गया है. उन्होंने बताया कि डीपफेक टेक्नोलॉजी और AI के आने के बाद इसे पहचानना काफी मुश्किल हो गया है.

आइडेंटी चोरी होने से कैसे करें बचाव?

अगर आप अपनी आइडेंटी चोरी होने से बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट करें और इसमें प्राइवेसी सेटिंग करें. साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जहां भी आपने पर्सनल डिटेल के जरिए अकाउंट बनाया है, उसके लिए हाई सिक्योर पासवर्ड जनरेट करें. वहीं एक्स्ट्रा सेफ्टी के लिए आप 2 फैक्टर ऑथाटिफिकेशन भी यूज कर सकते हैं.

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