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स्थानीय युवकों को दिया जाए खदानों की सुरक्षा का जिम्मा, सीआईएसएफ एवं त्रिपुरा बटालियन की तैनाती हटाने पीएम को लिखा गया पत्र
कोरबा। कोयला खदानों से सीआईएसएफ एवं त्रिपुरा बटालियन की तैनाती हटाने और उनकी जगह स्थानीय युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग को लेकर कोयला उद्योग कामगार संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष दर्शन सिंह चावला ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरबा जिले के गेवरा एवं दीपका खदान में सीआईएसएफ की एक कंपनी सुरक्षा की व्यवस्था संभाल रही है। इसी तरह कुसमुण्डा खदान में त्रिपुरा बटालियन सुरक्षा व्यवस्था देख रही है। दोनो कंपनी के सशस्त्र जवान होने के बाद भी आए दिन खदानों से कोयला, डीजल व कबाड़ चोरी की घटनाएं होती है। जबकि एसईसीएल कंपनी इन जवानों के वेतन भत्तों में करोड़ो की राशि खर्च कर रही है। एसईसीएल अगर सीआईएसएफ और त्रिपुरा बटालियन की जगह स्थानीय भूविस्थापितों को रोजगार देती तो प्रतिदिन रोजगार के लिए हो रहे खदान बंदी आंदोलन भी नहीं होंगे। भूविस्थापितों को उनका अधिकार व रोजगार मिलेगा तो निश्चित ही अन्य घटनाएं भी रुकेगी। वर्तमान में मेगा परियोजनाओं के भूमि में अधिग्रहण को लेकर भी कई समस्याएं हैं। ऐसे अनेक गाँव है जहाँ पिछ्ले 10-15 वर्षों से भूमि खरीदी-बिकी पर रोक लगी है। इस कारण भी स्थानीय युवको को ना तो कंपनी में कोई रोजगार मिल रहा है और ना ही स्वरोजगार की कोई व्यवस्था हो पा रही है। श्री चावला ने कहा कि वर्तमान में पड़ोसी देश के साथ तनाव पूर्ण स्थिति को भी देखते हुए इन सशस्त्र बलों की तैनाती वास्तव में आवश्यक एवं उपयुक्त स्थान पर कर देना चाहिए। इससे स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिलेगा।