लंबा करियर ब्रेक रोजगार में फुलस्टॉप नहीं, महिलाओं को फायदा पहुंचा रहा एयरटेल का…
लंबा करियर ब्रेक रोजगार में फुलस्टॉप नहींImage Credit source: Getty Images
कई बार करियर में लंबे समय तक ब्रेक लेना लोगों के लिए चिंता का विषय बन जाता है. आमतौर पर छह महीने से अधिक का ब्रेक एक लंबा करियर ब्रेक माना जाता है और इसके बाद नौकरी की तलाश करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि ऐसे मामलों में ज्यादातर रेज्यूमे को नजरअंदाज कर दिया जाता है. लंबे ब्रेक को अक्सर करियर को नुकसान पहुंचाने वाला माना जाता है और ब्रेक लेने से कई बार व्यक्ति की पेशेवर यात्रा समाप्त भी हो जाती है.
हालांकि लंबे करियर ब्रेक को किसी के पेशेवर जीवन का अंत नहीं समझा जाना चाहिए. अगर किसी को लंबे समय तक अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी है, तो उनके ‘सीवी’ को भी उतनी ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए. इससे फर्क नही पड़ना चाहिए कि व्यक्ति का सीवी कितने सालों तक अलमारी में पड़ा रहा.
एयरटेल और L&T की सराहनीय पहल
पिछले साल एक महिला ने 10 साल के करियर ब्रेक के बाद एयरटेल में फिर से नौकरी शुरू की. एयरटेल का ‘Step-In’ इनिशिएटिव ऐसी महिलाओं के लिए है, जिन्होंने कम से कम 12 महीने का करियर ब्रेक लिया हो और उनके पास प्रासंगिक पूर्व अनुभव हो. इस महिला की 10 साल दफ्तर से अनुपस्थिति के बावजूद एयरटेल में वापसी ने यह साबित कर दिया कि एक दशक लंबा ब्रेक भी उनके करियर की अभिलाषाओं के आड़े नहीं आया.
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कुछ इसी तरह की एक पहल Larsen & Toubro (L&T) ने भी की है. एलएंडटी का ‘रिन्यू’ कार्यक्रम केवल महिला उम्मीदवारों की योग्यता पर ध्यान देता है, न कि उनके करियर ब्रेक की अवधि पर. ‘रिन्यू’ उन महिलाओं को फिर से कॉर्पोरेट दुनिया में प्रवेश करने का अवसर देता है, जिन्होंने किसी कारणवश करियर ब्रेक लिया हो.
करियर ब्रेक बाधा नहीं, अवसर बने
हालांकि अधिकांश संगठन लंबे करियर ब्रेक वाले लोगों को नौकरी देने से हिचकते हैं. उनका मानना है कि लंबे ब्रेक के बाद व्यक्ति की सोचने की क्षमता और कौशल कम हो सकते हैं या आउटडेटेड हो सकते हैं, लेकिन यह धारणा हमेशा सही नहीं होती. ब्रेक का समय हमें कई तरह से समृद्ध कर सकता है. हो सकता है कि लोगों ने कुछ समय के लिए नौकरी छोड़ी हो, लेकिन उस दौरान उन्होंने किसी न किसी रूप में अनुभव अर्जित किया हो.
पुरुषों के लिए भी हो समान अवसर
एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इन कंपनियों के कार्यक्रम सिर्फ महिलाओं के लिए ही हैं. इस मुद्दे में पुरुषों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए. यह सच है कि महिलाओं के करियर छोड़ने का प्रतिशत ज्यादा है, क्योंकि उनके पास मुख्य कारण बच्चों की देखभाल सहित कई अन्य जिम्मेदारियां होती हैं, लेकिन पुरुषों के जीवन में भी ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब उन्हें ब्रेक लेना पड़ता है.
भारत में करियर ब्रेक की चुनौतियां और धारणाएं
कुछ स्टडी में यह पाया गया है कि करियर को कुछ समय के लिए रोकने में कोई बुराई नहीं है. कई बार यह व्यक्तिगत विकास, नई स्किल सीखने और अपने पैशन को पूरा करने का मौका देता है, लेकिन भारत में अन्य देशों की तुलना में करियर ब्रेक लेना उतना सुरक्षित नहीं माना जाता, क्योंकि यहां हमें कंपनियों को हमें फिर से नौकरी पर रखने के लिए मिन्नते करनी पड़ती है. इसके अलावा करियर ब्रेक के बाद वेतन में कमी का भी सामना करना पड़ता है.
कई देशों में अगर आप अपने शौक या कौशल विकास के लिए ब्रेक ले रहे हैं, तो इसे सकारात्मकता से देखा जाता है, लेकिन हमारे देश में अगर आप करियर ब्रेक ले रहे हैं, तो कई बार नियोक्ता सोचते हैं कि शायद आपको नौकरी से निकाल दिया गया था या आप नई नौकरी नहीं पा सके, इसलिए आप ब्रेक पर थे.