जमीन पर लेटी रही और मरने का नाटक करती रही… मॉस्को हमले में बचे लोगों ने बताया दर्द… – भारत संपर्क


मॉस्को के मॉल में हमले के बाद उसमें आग लग गई थीImage Credit source: AP/PTI
रूस की राजधानी मॉस्को के पास एक कॉन्सर्ट हॉल में शुक्रवार को हुए भयानक आतंकवादी हमले के बाद लोगों की दिल दहला देने वाली कहानियां सामने आई है. जिस समय आतंकवादियों ने गोलियां बरसाई हॉल खचाखच लोगों की भीड़ से भरा हुआ था, लगभग 6,200 लोग हॉल में मौजूद थे. जिस में रिपोर्ट के अनुसार 133 लोगों की मौत होगई वहीं 140 लोग घायल बताए जा रहे है.
पहले आतंकवादियों ने लोगों पर गोलियां बरसाने शुरू की उसके बाद उन्होंने कॉन्सर्ट हॉल के अंदर से इमारत में आग लगा दी. जिस के बाद लोगों से भरे हॉल में भगदड़ मच गई, लोग इधर-उधर भागने लगें और आतंकवादियों ने लोगों पर पीछे से गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. कई पीड़ितों ने कहा कि हमें ये समझ ही नहीं आरहा था कि क्या हो रहा है, एक महिला ने बताया कि उसने पहले सोचा था कि गोलियों की आवाज शायद किसी तरह की आतिशबाजी है, लेकिन फिर जब उसने लोगों के घबराने की आवाजे सुनी तब उसे एहसास हुआ कि यहां क्या हो रहा है.
बहादुर शख्स ने बचाई जान
कॉन्सर्ट में शामिल लोगों में से 61 साल की ऐलेना ने एक ऐसे बहादुर शख्स के बारे में बताया जो ऐसे हालात में भी लोगों की जान बचाने का काम कर रहा था. उन्होंने कहा, जैसे ही लोग मंच के पीछे की ओर भागने लगे, एक आतंकवादी ने उनका रास्ता रोक दिया. महिला ने दावा किया कि फिर, लोगों में से एक ने हमलावर पर छलांग लगा दी और उसकी असॉल्ट राइफल छीनने में कामयाब रहा और बंदूक के बट से उसे मार डाला, जिससे कई दर्जन लोग हॉल से बाहर निकल सकें. ऐलेना ने कहा कि उसको नहीं पता की वो आदमी जिंदा बच पाया या नहीं क्योंकि उसके बाद उसने उसे नहीं देखा और फिर हॉल में गोलीबारी की आवाज सुनाई देने लगी.
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मरने का नाटक किया
एक और पीड़ित जो फिलहाल अस्पताल में भर्ती है उसने हमले का दर्द बयान करते हुए कहा कि वो मरने का नाटक करके बच गई. कई रूसी मीडिया आउटलेट्स द्वारा शेयर किये गए इंटरव्यू में महिला ने बताया कि जैसे ही लोग अपनी जान बचाने के लिए भागे तो उन्होंने तुरंत गोलीबारी शुरू कर दी. मैं ज़मीन पर गिर गई थी और ऐसा दिखावा किया कि मैं मर गई हूं. मेरे पास खड़ी एक लड़की शायद मारी गई थी. महिला ने कहा, जैसे ही इमारत में आग भड़की, वह सांस लेने का मौका पाने के लिए दरवाजे के पास लेट गई. फिर आग से झुलसने के बाद भी वो धीरे-धीरे रेंगकते हुए वहां से बाहर निकलने में कामयाब हुई.
रेंगते हुए बाहर निकले
क्रोकस में मौजूद फोटोग्राफर डेव प्रिवोव ने बताया कि वो और उनका दोस्त कॉन्सर्ट हॉल में बालकनी पर थे जब उन्होंने हमलावरों को कॉन्सर्ट में घुसते देखा. उन्होंने कहा, जब आतंकवादियों ने हॉल में भीड़ पर गोलियां चलाई, तो भगदड़ मच गई. उसी समय, हम समझ गए कि वो मशीन गन के साथ किसी भी दरवाजे से अंदर आ सकते हैं, और हमने अपने सबसे करीब दरवाजे की तरफ वहां से भागने के लिए जाने की कोशिशि की. धीरे-धीरे हम रेंगते हुए बाहर निकले. कॉन्सर्ट हॉल के अंदर फंसे लोगों में से कुछ ने बताया कि कार्यक्रम में मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने अपना काम बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया और लोगों को बचाने की कोशिश करते हुए आपातकालीन दरवाजा तुरंत खोल दिया था.