माघ गुप्त नवरात्र का शुभारंभ, गुप्त विद्याओं की होगी सिद्धि…- भारत संपर्क

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माघ गुप्त नवरात्र का शुभारंभ, गुप्त विद्याओं की होगी सिद्धि साधना

कोरबा। माघ गुप्त नवरात्र 30 जनवरी से 6 फरवरी तक हर्षोल्लास के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। गुरुवार से इसकी शुरुआत हो चुकी है। पहले दिन विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चैत्र वासंतीय नवरात्र, आश्विन शारदीय नवरात्र इन्हें प्रकट नवरात्रि कहते हैं। माघ और आषाढ़ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त अर्थात छिपा हुआ। इस नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि हेतु साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधनाओं का महत्व होता है और तंत्र साधना को गुप्त रूप से ही किया जाता है। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इसमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। साधकों को इसका ज्ञान होने के कारण या इसके छिपे हुए होने के कारण इसको गुप्त नवरात्र कहते हैं। चैत्र, शारदीय नवरात्रि को प्रत्यक्ष और माघ, आषाढ़ को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। प्रत्यक्ष नवरात्रि में नवदुर्गा की पूजा होती है परंतु गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा होती है। प्रत्यक्ष नवरात्रि में सात्विक साधना का उत्सव मनाया जाता है जबकि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक साधना और कठिन व्रत का महत्व होता है। प्रत्यक्ष नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु मनाया जाता है जबकि गुप्त नवरात्रि को आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि, मोक्ष हेतु मनाया जाता है।ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि हिन्दू माह के अनुसार नवरात्रि वर्ष में 4 बार आती है। यह चार माह माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन है।
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सिद्धि की होगी साधना
0 मां काली: मां काली रुद्रावतार महाकालेश्वर को शक्ति हैं। इनकी साधना से विरोधियों पर विजय प्राप्ति होती है।
0 मां तारा: तारकेश्वर रुद्र की शक्ति मां तारा की सबसे पहले उपासना महर्षि वशिष्ठ ने की थी। इन्हें तांत्रिकों की देवी माना गया है। इनकी उपासना आर्थिक उन्नति और मोक्ष को प्राप्ति होती है।
0 मां त्रिपुरसुंदरी: षोडेश्वर रुद्रावतार की शक्ति को ललिता, त्रिपुरसुंदरी या राजराजेश्वरी भी कहा जाता है। इनकी पूजा से धन, ऐश्वर्य, भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
0 मां त्रिपुरभैरवी: रुद्र भैरवनाथ की शक्ति हैं। इनकी साधना से जीव बंधनों से मुक्त हो जाता है।
0 मां भुवनेश्वरी: ये भुवनेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनको साधना से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
0 मां छिन्नमस्ता: छिन्नमस्तक रुद्र की शक्ति मां छिन्नमस्ता की साधना से सभी चिंताएं दूर होती हैं और समस्त कामनाएं पूरी होती हैं।
0 मां धूमावती: धूमेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनकी आराधना से सभी संकट दूर होते हैं। इनकी पूजा विवाहिता नहीं बल्कि विधवा स्त्रियां करती हैं।
0 मां बगलामुखी: बगलेश्वर रुद्र की शक्ति मां बगलामुखी की साधना से मनुष्यों को भय से मुक्ति और वाक् सिद्धि प्राप्त होती है।
0 मां मातंगी: मतंगेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनकी उपासना से गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है।
0 मां कमला: कमलेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनकी कृपा से मनुष्य को धन सन्तान की प्राप्ति होती है।

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