अरबपति हुए महाकाल! मंदिर में आया 165 करोड़ का चढ़ावा, 399 किलो चांदी और 153… – भारत संपर्क

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अरबपति हुए महाकाल! मंदिर में आया 165 करोड़ का चढ़ावा, 399 किलो चांदी और 153… – भारत संपर्क

महाकाल मंदिर उज्जैन.
उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण के बाद लगातार विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के खजाने में बढ़ोतरी होती जा रही है. यहां आने वाले भक्त मंदिर में जमकर दान पुण्य कर रहे हैं. यही कारण है कि जनवरी 2024 से 13 दिसंबर 2024 तक श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति को 165 करोड़ 82 लाख 540 रुपए की आय हुई है.
श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने जानकारी देता बताया कि वैसे तो मंदिर में श्रद्धालु कई तरीकों से दान पुण्य कर सकते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं ने मंदिर में नकद राशि चढ़ाने के साथ ही लगभग एक किलो 553 ग्राम 190 मिलीग्राम सोना और 399 किलो 130 ग्राम 140 मिलीग्राम चांदी की सामग्री बाबा महाकाल को भेंट की है.
53 करोड़ रुपए की लड्डू प्रसादी खरीदी
इनके साथ ही यहां आने वाले भक्तों ने बाबा महाकाल को लगाए जाने वाले लड्डू प्रसादी के 53 करोड़ 50 लाख 14 हजार 552 रुपए की लड्डू प्रसादी भी खरीदी है. महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष छह करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे थे.
उन्होंने भेंट पेटियों के माध्यम से 43 करोड़ 85 लाख 20 हजार 718 रुपए, शीघ्र दर्शन से- 48 करोड़ 99 लाख 80 हजार 551 रुपए, भस्म आरती बुकिंग से- 90 लाख 90 हजार 2 हजार 600 रुपए, अभिषेक से- 5 करोड़ 92 लाख 86 हजार 976 रुपए, अन्नक्षेत्र में- 12 करोड़ 32 लाख 7 हजार 602 रुपए, धर्मशाला बुकिंग से- 5 करोड़ 90 लाख 6 हजार 644 रुपए,
फोटोग्राफी मासिक शुल्क से- 7 लाख 73 हजार 949 रुपए, भांग एवं ध्वजा बुकिंग से- 7 लाख 92 हजार, उज्जैन दर्शन बस सेवा से- 7 लाख 27 हजार 057 रुपए के साथ ही अन्य आय से 23 करोड़ 96 लाख 7 हजार 891 रुपए कुल मिलाकर मंदिर को इस वर्ष 165 करोड़ 82 लाख 540 रुपए की आय हुई है.
तो और भी बढ़ जाती मंदिर की आय
याद रहे कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष गर्भगृह में दर्शन पूरी तरह से बंद रहे. यही कारण है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर को गर्भगृह दर्शन के नाम पर होने वाली अतिरिक्त आय नहीं हो पाई. अगर यह दर्शन व्यवस्था लागू होती तो वार्षिक आय का आंकड़ा 200 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता था.
अतिशीघ्र दर्शन के नाम पर आ गए 48 करोड़
वैसे तो विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभी व्यवस्थाएं ठीक हैं, जिनकी सराहना यहां आने वाले आम श्रद्धालु तो क्या वीआईपी श्रद्धालु भी करते नजर आते हैं, लेकिन बाबा महाकाल के दरबार में इस वर्ष आए श्रद्धालुओं ने लगभग 48 करोड रुपए अतिशीघ्र दर्शन व्यवस्था के नाम पर खर्च किए हैं. महाकालेश्वर मंदिर की इस दर्शन व्यवस्था की ओर ध्यान दिया जाए तो लगभग मंदिर में आने वाले 10% लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है.

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