छत पर घसीटने के निशान, पसलियां भी टूटीं, 5वीं मंजिल से गिरने से हुई डॉ. दीक… – भारत संपर्क
डॉ. दीक्षा के परिजनों ने उठाए सवाल
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एग्जामिनेशन हाल में 5वीं मंजिल से गिरी डॉक्टर दीक्षा की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. अब तक इस घटना को हादसा मानकर चल रही पुलिस को दीक्षा के फूफा ने शिकायत दी है. इसमें उन्होंने हत्या का आरोप लगाते हुए कहा है कि डॉ. दीक्षा की पसलियां टूटी हैं. इसके अलावा छत पर उसे घसीटने के निशान भी मिले हैं. इससे जाहिर होता है कि डॉ. दीक्षा की हत्या से पहले उसके साथियों ने उसे टॉर्चर भी किया था.
कानपुर पुलिस ने अपनी जांच में डॉ. दीक्षा के परिजनों की ओर से उठाए गए सवालों को भी शामिल कर लिया है. कानपुर के एडिशनल सीपी हरीश चंद्र के मुताबिक प्रथम दृष्टया मामला हादसे का ही है. हालांकि फोरेंसिक टीम की मदद से मामले की जांच हर संभावित एंगल से कराई जा रही है. बरेली के सुरेश शर्मा कॉलोनी में रहने वाली दीक्षा (26) ने साल 2019 में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था. यह कोर्स इसी साल मार्च महीने में पूरा भी हो गया.
25 जून को ही मेरठ में ज्वाइन करने वाली थी डॉक्टर
हालांकि अभी वह कानपुर के ही आर्य नगर में किराए का घर लेकर रह रही थी. उसके पिता प्रदीप तिवारी व अन्य परिजनों ने बताया कि दीक्षा को मेरठ मेडिकल कॉलेज में अपरेंटिस मिल गया था और वह 25 जून को वहां ज्वाइन करने वाली थी. इसी के साथ डॉ. दीक्षा ने पीजी (एमएस, एमडी) की तैयारी भी शुरू कर दी थी. पुलिस के मुताबिक डॉ. दीक्षा और उसके दो दोस्तों मुजफ्फरनगर निवासी डॉ. हिमांशु गर्ग और आवास विकास कल्याणपुर निवासी डॉ. मयंक ने कोर्स कंपलीट होने के उपलक्ष्य में बुधवार को पार्टी किया था.
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एक बजे रात को हुआ था हादसा
इसी दौरान इन लोगों ने सोचा कि पता नहीं यहां दोबारा कब आना होगा, इसलिए तीनों दोस्त रात में सवा एक बजे कैंपस में एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के पीछे बने इग्जामिनेशन हॉल की पांचवीं मंजिल स्थित टेरेस परचले गए. बताया जा रहा है कि यहां डॉक्टर मयंक और हिमांशु डक्ट की रेलिंग पर आकर बैठ गए और उन्हें देखकर डॉ. दीक्षा भी डक्ट पर बैठने लगी. इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह डक्ट में नीचे गिर गई. इससे उसकी मौत हो गई. उसके दोस्तों ने तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी.
अस्पताल में हुई थी दीक्षा की मौत
इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर डक्ट से दीक्षा के शव को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम कराया है.पुलिस की पूछताछ में दीक्षा के दोस्त डॉ. हिमांशू ने बताया कि दीक्षा के गिरते ही वह खुद पाइप के सहारे नीचे उतरा और वहीं पर दीक्षा को सीपीआर भी दी. लेकिन चूंकि डक्ट के दरवाजे पर ताला लगा था, इसलिए तुरंत उसे अस्पताल नहीं ले जाया जा सका. थोड़ी देर बाद सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़ कर दीक्षा को अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
परिजनों ने लगाया टॉर्चर का आरोप
उधर, डॉ. दीक्षा के परिजनों ने पुलिस की थ्यौरी को खारिज किया है. दीक्षा के फूफा अरुण दुबे ने कहा कि यदि यह हादसा है तो छत पर घसीटने के निशान किसके हैं, इसके अलावा डॉ. दीक्षा की पसलियां और सारी हड्डियां कैसे टूटीं हैं. उन्होंने कहा कि दीक्षा को उसके दोस्तों ने पहले टार्चर किया और फिर बाद में घसीटते हुए डक्ट में लाकर फेंका है.