जबलपुर में नए तरीके का लव जिहाद, खुशी बनकर शादीशुदा शाहिदा…- भारत संपर्क



अब तक यही आरोप लगते रहे हैं कि मुस्लिम युवक अपनी पहचान छुपा कर हिंदू लड़कियों के साथ निकाह करते हैं और फिर उनकी हत्या कर देते हैं, इस बार यह लव जिहाद किसी मुस्लिम लड़के ने नहीं बल्कि एक मुस्लिम महिला ने किया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखकर मुस्लिम दंपति ने यह साजिश रची, जिसके शिकार जबलपुर के एक शिक्षक बने।
विवाह के नाम पर भरोसे का खूनी सौदा कर लेने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के एक शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी की निर्मम हत्या कर दी गई। यह जघन्य अपराध उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी शाहिदा और उसके पति कौशल द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया।
शुरुआत एक वायरल वीडियो से हुई
शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी, उम्र लगभग 45 वर्ष, ने कुछ समय पूर्व एक आध्यात्मिक कार्यक्रम में भाग लेते हुए अनिरुद्धाचार्य के समक्ष मंच से यह पीड़ा साझा की थी कि वे इकलौते हैं, उनके पास 18 बीघा खेती और संपत्ति है, फिर भी विवाह नहीं हो रहा। यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया और यहीं से उनकी जिंदगी में एक खतरनाक मोड़ आ गया।

शादी के बहाने जाल बिछाया गया
गोरखपुर निवासी शाहिदा और उसके पति कौशल ने इस वीडियो को देखने के बाद एक भयावह योजना बनाई। कौशल, शाहिदा को अपनी बहन ‘खुशी’ बनाकर इंद्र कुमार तिवारी से संपर्क करने जबलपुर पहुंचा। उसने ‘खुशी’ की तस्वीर दिखाकर भरोसा दिलाया कि वह अपनी बहन का रिश्ता तिवारी जी से करवाना चाहता है।
गहनों का लालच और विवाह का नाटक
बातचीत के दौरान कौशल ने कहा कि उसकी बहन को गहनों का बहुत शौक है और वह चाहती है कि उसकी शादी में खूब सारे जेवर हों। मासूम शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी ने विश्वास करके करीब 15 लाख रुपये के गहने खरीदे। इसके बाद वे गहने लेकर गोरखपुर पहुंचे और वहीं पर कौशल और शाहिदा उर्फ खुशी के साथ पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया। कौशल ने अपने आप को दुल्हन का भाई बताते हुए सारे रस्म निभाए, तस्वीरें भी खींची गईं, जिन्हें तिवारी ने अपने रिश्तेदारों को भेजा और विवाह की खुशखबरी दी।
हत्या की साजिश और अंजाम
विवाह के कुछ दिन बाद शाहिदा और कौशल ने इंद्र कुमार तिवारी को यह कहकर अपने गांव चलने को कहा कि वे वहां के रिश्तेदारों से मिलवाना चाहते हैं। रास्ते में सुनसान इलाके में ले जाकर तिवारी की निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई और शव को फेंक कर फरार हो गए। उनके साथ लाए गए सारे गहने और अन्य सामान लेकर दोनों गोरखपुर से भाग निकले।
पुलिस जांच और मामला उजागर
तीन दिनों तक जब इंद्र कुमार तिवारी अपने गांव वापस नहीं लौटे और उनका मोबाइल भी बंद आने लगा, तब परिवार वालों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच में पुलिस को विवाह की तस्वीरें और गहनों की खरीद के प्रमाण मिले, जिससे शक की दिशा गोरखपुर की ओर गई। इसके बाद पुलिस ने जब जांच तेज की तो हत्या की यह खौफनाक साजिश सामने आई।
पुराना आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाहिदा पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसने पहले एक हिंदू युवक से विवाह किया था और उसे भी अपराध की दुनिया में धकेल दिया। शाहिदा की पहचान एक शातिर महिला अपराधी के रूप में हो रही है, जो भोले-भाले पुरुषों को अपने जाल में फंसाकर संपत्ति और गहनों के लिए उनका शोषण करती रही है।
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है
यह हृदयविदारक घटना न केवल मानवता को शर्मसार करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे सोशल मीडिया पर साझा एक भावुक अपील भी किसी की जान ले सकती है। यह घटना न सिर्फ इंद्र कुमार तिवारी जैसे शिक्षकों की सुरक्षा और भावनाओं पर प्रश्न खड़ा करती है, बल्कि यह भी बताती है कि विवाह के नाम पर किस तरह का भयावह अपराध छिपा हो सकता है।
पुलिस ने शाहिदा और कौशल की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित कर ली है और जल्द ही दोनों को न्याय के कठघरे में लाने की उम्मीद है।
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