Mauni Amavasya Snan 2025 Live: मौनी अमावस्या का क्या है महत्व? जानिए स्नान … – भारत संपर्क
प्रयागराज महाकुंभ में आ रहे हर श्रद्धालुओं और संतों की एक ही कामना होती है मौनी अमावस्या में त्रिवेणी संगम में ‘अमृत स्नान’ करने की. आज मौनी अमावस्या का महापर्व है. इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र संगम में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. खासतौर पर महाकुंभ के दौरान यह दिन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह दूसरा ‘अमृत स्नान’ होता है, जिसमें विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं. महाकुंभ में स्नान के साथ पितरों का तर्पण और दान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है. ग्रहों की स्थिति के अनुसार तय की गई अमृत स्नान की तिथियां अत्यंत शुभ और पुण्यकारी मानी जाती हैं. मौनी अमावस्या पर स्नान से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या ‘अमृत स्नान’ का शुभ मुहूर्त सुबह 5.25 बजे से 6.18 बजे तक रहेगा. इसके बाद प्रातः संध्या मुहूर्त 5.51 बजे से 7.11 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में स्नान के समय 5 डुबकी लगाने का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या पर दान-स्नान करने का शुभ मुहूर्त…