MDH और एवरेस्ट मसालों को क्लीन चिट, नहीं मिला जानलेवा एथिलीन…- भारत संपर्क
देश के टॉप मसाला ब्रांड के लिए अच्छी खबर सामने आई है. खबर ये है कि देश के बाजारों में उपलब्ध इन ब्रांड्स के मसालों के सैंपल में जानलेवा एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) नहीं मिला है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने खुद इस बात की पुष्टि की है. वास्तव में देश के टॉप मसाला ब्रांड MDH और एवरेस्ट पर सिंगापुर और हांगकांग में सवालिया निशान लग गए थे. दोनों कंपनियों पर आरोप लगा था कि इनके मसालों में कैंसर पैदा करने वाला एथिलीन ऑक्साइड है. इसके बाद भारत में दोनों कंपनियों के मसालों के सैंपल लिए गए थे.
कितने लिए थे सैंपल
जांच करने वाली एजेंसी की ओर से एवरेस्ट मसालों की दो मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट से 9 सैंपल और एमडीएच की 11 प्रोडक्शन यूनिट से 25 सैंपल लिए गए थे. इसका मतलब है कि एजेंसी की ओर से कुल 34 सैंपल लिए गए. जिनमें से 28 की रिपोर्ट सामने आ गई है. इन रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि सैंपल में किसी भी तरह का कैंसर पैदा करने वाला ईटीओ मौजूद नहीं है. खास बात तो ये है कि एजेंसी ने देशभर से जो दूसरे ब्रांड्स के 300 सैंपल लिए थे, उनमें भी किसी भी तरह का हानिकारक तत्व नहीं मिला है.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआई ने जानकारी देते हुए कहा कि देश के मसाले जिनका सैंपल लिया गया था, वह दूसरे मापदंडों पर सही पाए गए हैं. दुनिया के अलग-अलग देशों ने जब भारत के मसालों पर सवालिया निशान लगाया तो 22 अप्रैल को फूड कमिश्नर ने मसालों के सैंपल लेने का आदेश दिया था.
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इन देशों ने लगाया था प्रतिबंध
इससे पहले हांगकांग और सिंगापुर ने भारत के टॉप मसाला ब्रांड MDH और एवरेस्ट के प्रोडक्ट्स की सेल्स पर यह कहकर प्रतिबंध लगा दिया था कि इनमें कैंसर पैदा करने वाला ईटीओ है. उसके बाद नेपाल की ओर से भी यही शिकायत मिली और मसालों के यूज को बंद कर दिया गया है. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से भी इसी तरह की शिकायत आई थी. भारत की ग्लोबल मसाला निर्यात में 12 फीसदी की हिस्सेदारी है. बीते वित्त वर्ष में भारत ने 4.25 अरब डॉलर के मसालों का निर्यात किया था.