भारत ही नहीं, सावन में इन चार देशों में भी नहीं खाया जाता है मांस – भारत संपर्क

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भारत ही नहीं, सावन में इन चार देशों में भी नहीं खाया जाता है मांस – भारत संपर्क
भारत ही नहीं, सावन में इन चार देशों में भी नहीं खाया जाता है मांस

भारत ही नहीं दुनिया के इन चार देशों में भी सावन पर लोग मांस खाना छोड़ देते हैं.

बिहार में मटन पार्टी पर बवाल मचा है, ऐसा इसलिए क्योंकि ये पार्टी सावन के पवित्र माह के दौरान की गई. दरअसल सावन की बात करें तो यह प्रचलित मान्यता है कि इस दौरान मीट नहीं खाना चाहिए. इसके पीछे सावन की पवित्रता का तर्क दिया जाता है, भारत की एक बड़ी आबादी इस माह मांसाहार का सेवन नहीं करती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत की तरह दुनिया के 4 और देश ऐसे हैं जहां सावन के दौरान मांसाहार पर पाबंदी रहती है.

सावन में मांसाहार छोड़ने के पीछे धार्मिक तर्क दिया जाता है, ऐसा कहा जाता है कि ये भगवान शिव का प्रिय माह है, इसीलिए इस माह मीट नहीं खाना चाहिए. अगर साइंस के नजरिए से देखें तब भी तामसिक भोजन यानी मीट के बारे में ये कहा जाता है कि इसका सेवन नहीं करना चाहिए. भारत की तरह ही नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार ऐसे हैं जहां इस दौरान एक बड़ी आबादी मांसाहार को छोड़ देती है. इसके पीछे सिर्फ धार्मिक वजह नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक वजहों से भी लोग ऐसा करते हैं.

1- नेपाल

इस सूची में पहला नाम नेपाल का आता है, यहां का कल्चर भारत से ही मिलता जुलता है, ऐसे में सावन, तीज नवरात्रि के मौके पर यहां भी लोग मांसाहार बंद करते हैं. खासकर हिंदु बहुल इलाकों में इस दौरान शाकाहारी भोजन को वरीयता दी जाती है. भारत की तरह यहां भी सावन के सभी सोमवार, नवरात्रि में नौ दिन तक मांसाहार से परहेज किया जाता है.

2- श्रीलंका

श्रीलंका में बौद्ध धर्म प्रमुख है. यहां जुलाई से अक्टूबर तक वसाया काल होता है, इसमें बौद्ध भिक्षु मठों में ठहरते हैं और उपासक संयम बरतते हैं. इस दौरान श्रीलंका की एक बड़ी आबादी मांसाहार का त्याग कर देती है. ग्लोबल डाइट क्वालिटी प्रोजेक्ट के मुताबिक श्रीलंका में तकरीबन 75 प्रतिशत लोग हैं जो प्रतिदिन मांसाहार का प्रयोग करते हैं, मगर जुलाई से अक्टूबर के बीच इस संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक की गिरावट आ जाती है.

3- थाईलैंड

थाईलैंड अपने नॉनवेज खाने के लिए मशहूर हैं, लेकिन यहां की सावन और उसके बाद सितंबर और अक्टूबर में मांसाहार में भारी कमी आती है, यहां वेजिटेरियन फेस्टिवल मनाया जाता है. इसमें खास तौर से चीन मूल के थाई लोग पूर्ण तौर पर शाकाहारी रहते हैं, सिर्फ मांस ही नहीं, बल्कि ये लोग लहसुन, प्याज, शराब आदि को भी हाथ नहीं लगाते. ग्रीन ओशियन की एक रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड में तकरीबन 75 से 80 प्रतिशत लोग नियमित मांसाहार का सेवन करते हैं, वेजिटेरियन फेस्टिवल के दौरान इसमें 70 से 80 प्रतिशत तक गिरावट आ जाती है.

4- म्यामांर

म्यामांर में भी बौद्ध धर्म प्रमुख है, यहां भी Vassa के दौरान जुलाई से अक्टूबर तक बड़ी संख्या में लोग मांसाहार त्याग देते हैं. फूड नेविगेटर के मुताबिक म्यांमार की तकरीबन 70 से 80 प्रतिशत आबादी मांसाहार का सेवन करती है. हालांकि जुलाई से लेकर अक्टूबर के बीच इन संख्या में 20 से 40 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जाती है. बौद्ध धर्म के अनुयायी आम लोगों में यह संख्या 50 से 60 प्रतिशत तक पहुंच जाती है.

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