मिलिए टाटा खानदान की इन बेटियों से, रतन टाटा से है ये रिश्ता…- भारत संपर्क
लियाह टाटा और माया टाटा
देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से एक ‘टाटा ग्रुप’ को करीब 22 साल तक संभालने वाले रतन टाटा अब रिटायरमेंट ले चुके हैं. हालांकि वह अब भी ग्रुप के मानद चेयरमैन हैं. ऐसे में टाटा फैमिली की नई पीढ़ी धीरे-धीरे बिजनेस की कमान संभालने के लिए तैयार हो रही है. क्या आप टाटा खानदान की इन दो बेटियों के बारे में जानते हैं…?
ये तो सभी जानते हैं कि रतन टाटा ने शादी नहीं की है. उनकी अपनी कोई संतान भी नहीं है. लेकिन टाटा खानदान काफी बड़ा है. इन्हीं में से एक हैं नोएल टाटा, जो रतन टाटा के सौतले भाई हैं. नोएल टाटा की 2 बेटियां लियाह और माया हैं. वहीं उनका एक बेटा नेविले टाटा है.
लियाह टाटा हैं भाई-बहनों में सबसे बड़ी
नोएल टाटा, टाटा ग्रुप के फैशन बिजनेस ‘ट्रेंट’ को संभालते हैं. लियाह उनकी सबसे बड़ी संतान हैं. लियाह के मामा कभी टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री हैं. पढ़ाई-लिखाई के मामले में लियाह मिस्त्री ने मार्केटिंग में मास्टर्स डिग्री की है. वह मैडिड के आईई बिजनेस स्कूल से पढ़ी हैं.
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लियाह ने लुई विटॉन जैसी फैशन कंपनी में इंटर्नशिप के बाद टाटा ग्रुप के हॉस्पिटैलिटी बिजनेस (Taj Hotels Brand) के साथ कमा किया. मौजूदा समय में वह टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं और कोलकाता में टाटा के कैंसर हॉस्पिटल की इंचार्ज भी.
माया ने किया रतन टाटा के साथ काम
नोएल की संतानों में सबसे छोटी माया टाटा ने बिजनेस की दुनिया को रतन टाटा की छत्र छाया में रहकर ही समझा है. वह भी अपनी बहन की तरह टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट की बोर्ड मेंबर हैं. उन्होंने ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक और बाएस बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है. वह टाटा कैपिटल की सब्सिडियरी में काम कर चुकी हैं. इंवेस्टर्स के साथ बढ़िया रिलेशन स्थापित करने में उनका कोई जवाब नहीं है.
नोएल टाटा के बेटे नेविले टाटा भी बिजनेस के धुरंधर हैं. जूडियो के एक्सपेंशन में उनका अहम रोल रहा है. रतन टाटा इन तीनों बच्चों के ताया लगते हैं और टाटा ग्रुप की इस अगली पीढ़ी को उन्होंने अपने सानिध्य में तैयार किया है.