मिचेल सेंटनर ने टेस्ट करियर में पहली बार किया ये कारनामा, टीम इंडिया 156 रन… – भारत संपर्क
मिचेल सेंटनर ने पुणे टेस्ट की पहली पारी में चटकाए 7 विकेट. (Photo: PTI)
पुणे टेस्ट में मिचेल सेंटनर की गेंदबाजी का कहर देखने को मिला. उनकी फिरकी के सामने टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए. उन्होंने अकेले ही आधी से ज्यादा टीम को पवेलियन भेज दिया. सेंटनर ने पहली पारी में घातक गेंदबाजी करते हुए 53 रन देकर 7 विकेट चटकाए, जिसका नतीजा रहा कि भारतीय टीम सिर्फ 156 पर ढेर हो गई. इससे न्यूजीलैंड को 103 रन की बढ़त मिली और वह इस मुकाबले में मजबूत स्थिति में आ गई है.
पहली बार किया ये कारनामा
मिचेल सेंटनर ने अपने टेस्ट करियर में पहली 5 विकेट हॉल लेने का भी कारनामा किया. इतना ही नहीं भारत में न्यूजीलैंड की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के मामले में भी तीसरे गेंदबाज बन गए हैं. इससे पहले 2021 में एजाज पटेल ने 119 रन देकर 10 विकेट चटकाए थे. वहीं 1976 में रिचर्ड हेडली ने 23 रन देकर 7 विकेट लिया था. अब सेंटनर ने 53 रन देकर 7 विकेट हासिल किया है.
मिचेल सेंटनर के सामने टीम इंडिया के बल्लेबाज मजबूर दिखे. इसकी शुरुआत शुभमन गिल से हुई. भारतीय टीम ने 16 रन के साथ 1 विकेट के नुकसान पर दिन की शुरुआत की थी. 50 के स्कोर पर सेंटनर ने गिल के रूप भारत को दूसरे दिन का पहला झटका दिया. इसके बाद ये सिलसिला जारी रहा. उन्होंने फिर विराट कोहली, सरफराज खान और रवींद्र जडेजा को अपना शिकार बनाया. फिर अंतिम के 3 विकेट अश्विन, आकाशदीप और जसप्रीत बुमराह को भी अपने नाम किया. इस तरह उन्होंने कुल 7 विकेट चटकाकर टीम इंडिया की कमर तोड़ दी.
मुश्किल में टीम इंडिया
बेंगलुरु में सीरीज का पहला टेस्ट मैच हारने के बाद टीम इंडिया से कमबैक करने की उम्मीद थी. लेकिन भारतीय टीम पुणे में बिछाए अपने ही जाल में फंस गई. कोई भी भारतीय बल्लेबाज न्यूजीलैंड की स्पिन गेंदबाजी के सामने टिक नहीं सका. हालांकि, यशस्वी जायसवाल (30 रन) और शुभमन गिल (30 रन) के बाद अंतिम में रवींद्र जडेजा (38 रन) ने थोड़ी कोशिश की.
ऋषभ पंत और वॉशिंगटन सुंदर ने भी 18-18 रनों का योगदान दिया. लेकिन ये काफी साबित हुआ और भारत ने 100 रन से ज्यादा की बढ़त दे दी. इससे कप्तान रोहित शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पिछले 23 सालों में ये दूसरी बार है जब टीम इंडिया लगातार दो टेस्ट मैच में 100 रन से ज्यादा की लीड गंवाई है. इसके पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वानखेड़े और ईडन गार्डन में ऐसा हुआ था.