मां बनकर बहुत खुश थी महिला, पर बच्चे को देखते ही क्यों सदमे में चली गई?


गर्भवती महिला (सांकेतिक तस्वीर)Image Credit source: Pexels
मां बनकर 38 वर्षीय अमेरिकी महिला बेहद खुश थी, लेकिन उसकी खुशियों को तब ग्रहण लग गया जब उसने पहली बार बेटे का चेहरा देखा. क्योंकि, बच्चे का रंग काला था जबकि महिला और उसका स्पर्म डोनर दोनों ही श्वेत हैं. आईवीएफ क्लिनिक की लापरवाही के कारण महिला न सिर्फ एक अजनबी के बच्चे की सरोगेट बन गई, बल्कि उसे बच्चे को उसके जैविक माता-पिता को भी सौंपना पड़ा. महिला ने क्लिनिक के खिलाफ केस दायर किया है.
क्रिस्टीना मरे की जब डिलीवरी हुई, तब उन्हें एहसास हुआ कि कुछ तो गड़बड़ है. क्योंकि, बच्चा अफ्रीकी-अमेरिकी मूल का था. डीएनए टेस्ट कराने पर पता चला कि बच्चा आनुवांशिक रूप से उनका नहीं है. यह जानकर महिला गुस्से से लाल थी, लेकिन यह सोचकर भी सदमे में थी कि भले ही बच्चा उसका नहीं है पर वो हमेशा उसका बेटा रहेगा.
मैं इस सदमे से उबर नहीं पाऊंगी: मरे
महिला ने कहा, मैं कभी इस सदमे से उबर नहीं पाऊंगी. क्योंकि, मेरा एक हिस्सा हमेशा मेरे बेटे के लिए तरसता रहेगा और सोचता रहेगा कि वह किस तरह का इंसान बन रहा है. इसके बाद बच्चे के जैविक माता-पिता को सूचित किया गया. उन्होंने बच्चे की कस्टडी की कार्यवाही शुरू की और मरे ने कुछ महीने बाद स्वेच्छा से बच्चे को सौंप दिया. ये भी देखें: ‘ये शर्मनाक है!’ शादी के इस VIDEO में ऐसा क्या दिख गया, जो भड़क गए लोग
क्लिनिक ने क्या कहा?
मरे के साथ हुई घटना पर क्लिनिक का कहना है कि जिस दिन यह लापरवाही पकड़ी गई, उसी दिन समीक्षा बैठक कर मरीजों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए गए. यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो. ये भी देखें: इतनी पड़ी ठंड कि जम गया बाढ़ का पानी, डूबी कारों के VIDEO ने उड़ाए होश, लोग बोले- बेहद भयावह है मंजर
2011 में ओहियो की एक महिला के साथ इसी तरह का भ्रूण मिश्रण हुआ और उसने दूसरे कपल के बच्चे को जन्म दिया. 2019 में न्यूयॉर्क के एक कपल ने ऐसे ही एक मामले में कैलिफोर्निया की एक क्लिनिक पर केस दायर किया था, जिसमें दो महिलाओं ने अस्पताल की गलती के कारण एक-दूसरे के बच्चे को जन्म दिया. ये भी देखें: धरती पर मचने वाली है तबाही? ‘प्रलय की मछली’ ने यहां तड़पते हुए तोड़ा दम; VIDEO हुआ वायरल